बक्सर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यवाहक मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भगवान श्री राम ने देश औऱ समाज को जोड़ा है।
डॉ.मोहन भागवत यहां संत समागम के मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के साथ मंच की अध्यक्षता भी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस तरह का समागम देश के कोने कोने में होना चाहिए, जिससे प्रेम का संदेश जन जन तक पहुंचे। आज गुरुनानक जी की जयंती भी है और इस मौके पर इस आयोजन का संदेश पूरे देश में जायेगा।
उन्होंने कहा कि भगवान हर बार अवतार लेकर हमसबों की इच्छा पूरी करने आते हैं, इच्छाएं तो बहुत मन में आती है, लेकिन संतों ने बताया है ‘होइए वही जो राम रुचि रखा।’ श्रीराम ने समाज को जोड़ा, राम मनोहर लोहिया कहते थे, श्रीराम से उत्तर से दक्षिण तक भारत एक है, श्रीराम ने अपने मन से सबके मन को जोड़ा।
हनुमानजी योग्य थे, इसलिए श्रीराम की कृति उनमें समाई। श्रीराम ने सभी वर्ग के साथ प्रेम किया, उनका यह संदेश हम आत्मसात कर लिए तो श्रीराम की इससे बड़ी भक्ति और दूसरी नहीं हो सकती।
डा. भागवत ने कहा कि सत्य को पाना है, तो कर्म करना होगा, जत्थेदार जी ने कहा कर्म के साथ जप भी करो, मन में राम को रखो, धर्म समाज को जोड़ कर रखने वाला, सबको सुख की अनुभूति देने वाला ही धर्म है।
डा. भागवत ने कहा कि सत्य को पाना है, तो कर्म करना होगा। कर्म के साथ जप भी करो, मन में राम को रखो, धर्म समाज को जोड़ कर रखने वाला, सबको सुख की अनुभूति देने वाला ही धर्म है। भारत का उत्थान होना है, होगा भी, लेकिन उसके लिए हमें तैयार होना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत की आवश्यकता पूर्ण होने के लिए सामर्थवान बनना होगा, याचना मत कीजिए। उन्होंने कहा कि जप करने में मैं का आभास नहीं रहता, सर्वत्र का आभास होता है, जप के लिए हिमालय पर नहीं जाना है, मन की अयोध्या बनाओ, तभी कामयाबी भी हासिल होगी।