जयपुर। राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने राजसमंद के देवगढ़ के हीरा गांव में पुजारी दंपती को जलाने की घटना को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह घटना एक बार फिर कांग्रेस सरकार के सामने सवाल खड़ा कर गई कि प्रदेश में लोग न सड़क पर सुरक्षित हैं, न ही घर, मंदिर, अस्पताल एवं स्कूल में सुरक्षित हैं।
पूनियां ने आज यहां मीडिया से बातचीत कहा कि राजसमंद के देवगढ़ के हीरा गांव में पुजारी दंपती को जिंदा जलाया जाना प्रदेश में यह पहली घटना नहीं है और सीधे-सीधे यह राजस्थान के इकबाल से जुड़ी घटना है, जो अपराध की घटनाएं यहां हुई उसमें पुजारी को जलाने की एक और घटना जुड़ गई।
उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे राज्य के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री पर सवाल खड़े करता जो इस समय भारत जोड़ने की बात करते हैं और अपनी कुर्सी को बचाए रखने के लिए सारी बातों को ताक पर रख देते हैं, यह उसी का नतीजा है जो कानून व्यवस्था पिछले चार सालों में ध्वस्त हुई, उसकी परिणति इस रूप में हुई, वीभत्स रूप में होती है।
उन्होंने कहा कि पुजारी को जिंदा जलाया जाना एक बार फिर कांग्रेस सरकार के सामने सवाल खड़ा कर गया कि राजस्थान में कोई असुरक्षित नहीं हैं। पूनियां ने कहा कि राजस्थान की असुरक्षा यहां तक पहुंच गई की देवी-देवताओं को पूजने वाले पुजारी को इस तरीके से जिंदा जला दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में अपराध की घटनाएं चरम पर हैं, जहां या तो पुजारी को जिंदा जलने के लिए विवश होना पड़ता है, जैसे महंत विजय दास की घटना हुई, जयपुर के मुरलीपुरा में जो घटना हुई, लेकिन राजसमंद के देवगढ़ की इस घटना ने एक बार फिर से उद्वेलित कर दिया है किस तरीके से राजस्थान में माफिया और बदमाशों का आतंक है, यह सब गहलोत के राजनीतिक संरक्षण में साफ तौर पर दिखता है कि ऐसी घटनाओं पर आंख मूंदकर बैठे हैंl
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोई प्रतिबद्धता दिखती नहीं है, अब ऐसा लगता है कि राजस्थान अपराधियों के हाथों में है, यहां सरकार का ना कोई इकबाल है, ना कोई शासन है, ऐसे में समाज में उद्वेलन स्वाभाविक है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कुर्सी बचाने में तो माहिर हैं लेकिन किसी व्यक्ति का जीवन बचाने में उनकी कोई रुचि और प्रतिबद्धता नहीं है।