कोलंबो। अमरीका ने श्रीलंका के वरिष्ठ पत्रकार कीथ नोयाहर के अपहरण और प्रताड़ना मामले में एक अन्य सैन्य अधिकारी मेजर प्रभात बुलथवटे पर प्रतिबंध लगाया है।
डेली एफटी की सोमवार को जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर दुनिया भर में भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के दुरुपयोग के प्रति जवाबदेही के तहत यह कार्रवाई की है।
अमरीका के विदेश विभाग के अनुसार अमरीका ने ‘त्रिपोली प्लाटून’ के नाम से जाने वाली एक खुफिया सेना पलटन के पूर्व प्रमुख बुलथवेट पर प्रतिबंध लगाया है।
विभाग ने कहा कि सैन्य अधिकारी पर मई 2008 में पत्रकार नोयाहर के साथ अत्याचार, अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार तथा सजा से जुड़े मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप है। उन्हें 2008 में वरिष्ठ श्रीलंकाई पत्रकार कीथ नोयाहर के अपहरण और अत्याचार के संदेह में गिरफ्तार किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल अमरीकी विदेश विभाग ने इसी तरह मामले में दो श्रीलंकाई सैनिकों, चंदना हेत्तियाराची और सुनील रत्नायके को मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
वर्ष 2020 में अमरीकी विदेश विभाग ने 2009 में लिट्टे के साथ सशस्त्र संघर्ष के अंतिम दौर में युद्ध अपराधों के आरोपों पर श्रीलंका के वर्तमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल शैवेंद्र सिल्वा और श्रीलंका सेना के पूर्व कमांडर पर प्रतिबंध लगाए थे।