नई दिल्ली। भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में करीब ढाई वर्ष पहले हुई हिंसक झड़प के बाद गत शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में फिर से आमने सामने का टकराव हुआ जिसमें दोनों पक्षों के कुछ सैनिक घायल हो गए।
सेना के सूत्रों के अनुसार चीन के सैनिकों ने तवांग सेक्टर में भारतीय सीमा में प्रवेश की कोशिश की। भारतीय सैनिकों ने इसका मजबूती के साथ कड़ा विरोध करते हुए उन्हें रोक दिया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर टकराव हुआ और इस संघर्ष में दोनों के कुछ सैनिक घायल हो गए। सूत्रों के अनुसार सैनिकों को मामूली चोट आई है।
सूत्रों ने बताया कि टकराव के बाद दोनों देशों के सैनिक उस क्षेत्र से पीछे हट गए। इस घटना के मद्देनजर तवांग सेक्टर में तैनात भारतीय कमांडर ने शांति और मैत्री का माहौल बनाए रखने के लिए चीन के अपने समकक्ष के साथ निर्धारित व्यवस्था के तहत फ्लैग मीटिंग की।
सूत्रों का कहना है कि तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते कुछ क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर दोनों देशों की अलग-अलग अवधारणा है इसे देखते हुए दोनों सेनाओं के सैनिक अपने-अपने दावे के क्षेत्र में कष्ट लगाते हैं और वर्ष 2006 से यह प्रचलन चला रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच करीब ढाई वर्ष पहले पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट गलवांन घाटी में हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। झड़प में चीन की सेना के भी बड़ी संख्या में सैनिक हताहत हुए थे। दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में ढाई वर्ष से भी अधिक समय पहले से सैन्य गतिरोध चला आ रहा है।