दौसा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा एक दिन के विश्राम के बाद राजस्थान के दौसा जिले के कालाखो से आज सुबह फिर शुरू हुई जिसमें जहां जनसैलाब उमड़ पड़ा वहीं कांग्रेस ने चीन सीमा मामले का मुद्दा उठाया कि इस पर प्रधानमंत्री चुप क्यों है।
सुबह के सत्र में यात्रियों ने सिकंदरा पुलिस स्टेशन के पास तक यात्रा की। इस दौरान स्थानीय लोगों का जबरदस्त हुजूम देखने को मिला। सुबह के सत्र में मुख्य रूप से तीन समूह राहुल गांधी के साथ चला।
यात्रा के सिकंदरा पहुंचने पर दोपहर का विश्राम किया गया और इस दौरान कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश और कांग्रेस के मीडिया तथा पब्लिसिटी के चेयरमैन पवन खेड़ा ने चीन के मुद्दे पर ‘प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो, भारत जोड़ो’ विषय पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
खेड़ा ने कहा कि आज देश, परेशान, आक्रोशित और हैरान है कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री चीन के मामले पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं हैं। क्यों चीन पर संसद में चर्चा को तैयार नहीं हैं। प्रधानमंत्री और चीन के 20 वर्षों से घनिष्ठ संबंध हैं, जब प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री थे और चीन के राष्ट्रपति, राष्ट्रपति नहीं थे, एक आला पद पर थे, तब से ही उन दोनों के बीच का जो रिश्ता है उन्हीं रिश्तो में एक राज छुपा है। उसी वजह से प्रधानमंत्री अपनी चुप्पी नहीं तोड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में मनमोहन सिंह की सरकार ने चीन के ख़तरे को ध्यान में रखते हुए ‘माउंटेन स्ट्राइक कोर’ बनाने का महत्वपूर्ण केबिनेट डिसीजन लिया था। इसके तहत 90 हजार सैनिकों का एक दस्ता बनाया जाना था। 2013 में यह निर्णय हुआ।
वर्ष 2014 में हमारी सरकार इसका एक डिवीजन बना कर गई, जिसका हेड क्वार्टर पश्चिम बंगाल में है। दूसरा डिवीजन पठानकोट में बनना था लेकिन सरकार बदल गई। चीन परस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ गए। उन्होंने पठानकोट में दूसरा हेड क्वार्टर नहीं बनने दिया। फंड नहीं दिया गया। माउंटेन स्ट्राइक कोर को ठंडे बस्ते में डाल दिया क्या।
इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत जोड़ो यात्रा के क्यों ना जुड़ें अभियान से जुड़ी चौथी फिल्म रिलीज़ की गई। यह फिल्म नफ़रत की समस्या को केंद्र में रखकर बनाई गई है। जिसमें एक दंपत्ति बिना अपना नाम और शहर बताए कहता है – इस शहर से काफी अच्छे रिश्ते बन गए थे लेकिन इस नफ़रत की आंधी में सब खो गए। फिल्म में नफ़रत के ख़िलाफ़ भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ने का आह्वान किया गया है। अंत में सवाल है – जब नफ़रत मिटाने हों तब क्यों न जुड़ें।
इससे पहले यात्रा में पहले ग्रुप में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिशुपाल सिंह भादू राहुल गांधी के साथ चले। चलते हुए दोनों के बीच नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर मुख्य रूप से बात हुई। प्रोफ़ेसर भादू ने बताया नई शिक्षा नीति में तीन तरह की यूनिवर्सिटीज का जो प्रावधान किया गया है उसके लिए राज्य सरकारें आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। पैसों की कमी के कारण राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे मौजूदा विश्वविद्यालयों की स्थिति ही जर्जर है। ऐसे में नए विश्वविद्यालय का दबाव उन पर और बोझ डालेगा।
राहुल गांधी के साथ चलने वाला दूसरा समूह साहित्यकारों का था। इन लोगों ने शिक्षण संस्थानों में फ्री स्पीच पर हो रहे अटैक को लेकर चिंता जताई। तीसरी बातचीत किसानों के एक समूह के साथ थी। किसानों ने भूमि अधिग्रहण कानून में पिछली भाजपा सरकार द्वारा किए गए संशोधन का मुद्दा उठाया। जिससे किसानों को नुक़सान का सामना करना पड़ रहा है। यात्रा सोमवार को बांदीकुई के बाढ़ नागवास से सुबह शुरू होगी और करीब दस बजे अलवर में प्रवेश कर जाए जहां सुरेर गांव में दोपहर का विश्राम होगा।