श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो एक्ट) मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का प्रयास करने के आरोपी युवक को आज 7 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई।
विशिष्ट लोक अभियोजक नवप्रीत कौर संधू ने बताया कि जिले के लालगढ़ जाटान थाना में एक महिला द्वारा 15 जून 2019 को दी गई रिपोर्ट के आधार पर आरोपी देवेंद्र प्रसाद (27) निवासी शेरगढ़ थाना वाला जिला फाजिल्का (पंजाब) के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था।
महिला ने बताया कि गांव में उसके पड़ोस में उसकी ननंद का मकान बन रहा है। रिश्ते में लगते उसके देवर देवेंद्र तथा भरत निवासी शेरगढ़ इस मकान को बनाने के लिए उसके गांव आते जाते थे। इसी दौरान 14 जून 2019 की रात को देवेंद्र उसके घर में ही रुक गया।
रात 11 बजे देवेंद्र बुरी नियत से घर के अंदर आया। उसकी सोई हुई 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री को मुंह दबाकर पास में ही पशुओं वाले कमरे में ले गया। उससे जबरन दुष्कर्म करने लगा। पुत्री के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर वह जाग गई। भागकर आई तो देखा देवेंद्र उसकी पुत्री से दुष्कर्म कर रहा था। उसने अपनी पुत्री को छुड़ाया। इसी दौरान देवेंद्र अपना मोटरसाइकिल लेकर फरार हो गया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उसके विरुद्ध सक्षम धाराओं में अदालत में चालान पेश किया गया। अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 9 गवाह और 13 दस्तावेज साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।
विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि इनके आधार पर न्यायाधीश ने आज निर्णय देते हुए पोक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत 7 वर्ष का कठोर कारावास और 25 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर एक वर्ष का कठोर कारावास आरोपी को भुगतना होगा।