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जनता के प्यार के कारण उन पर हाईकमान कर रहा है विश्वास : अशोक गहलोत - Sabguru News
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जनता के प्यार के कारण उन पर हाईकमान कर रहा है विश्वास : अशोक गहलोत

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जनता के प्यार के कारण उन पर हाईकमान कर रहा है विश्वास : अशोक गहलोत

भरतपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जाति के आधार कोई मुख्यमंत्री नहीं बनता और वह विभिन्न पदों सहित तीन बार मुख्यमंत्री बने, पार्टी हाईकमान उन पर इतना विश्वास इसलिए कर रहे है कि प्रदेश की जनता का प्यार, दुलार और आर्शीवाद उनके साथ हैं और उनका अंतिम सांस तक सेवा करने का संकल्प हैं।

गहलोत रविवार को भरतपुर में महाराजा सूरजमल स्मृति समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा “ अंतिम व्यक्ति जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था उसी ढंग से मेरा प्रयास रहेगा कि राजस्थान के हर गरीब के आंसू पोंछू, चाहे कोई कौम का हो, कोई धर्म का हो, चाहे कोई भी हों। मेरा फर्ज बनता है कि मैं वो सुशासन दूं राजस्थान में जिससे सबका भला हो और राजस्थान का विकास हो।

उन्होंने कहा कि मैं तीन बार केंद्रीय मंत्री, तीन बार प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष, तीन बार एआईसीसी का महामंत्री और तीन बार मुख्यमंत्री बना, इतना विश्वास मुझ पर हाईकमान कर रहे है, इसलिए कर रहे है कि राजस्थान के लोगों का प्यार, दुलार, आशीर्वाद मेरे साथ में है और मैंने संकल्प ले रखा है. अंतिम सांस तक जो मेरा सेवा करने का संकल्प है कि सेवा ही कर्म है, सेवा ही धर्म है।

उन्होंने कहा कि मुझसे बड़ा सौभाग्यशाली व्यक्ति कोई हो सकता है क्या जिसको जनता ने इतना प्यार दिया, विश्वास किया हाईकमान ने, मैं इंदिरा गांधीजी के साथ में मंत्री था, राजीवजी के साथ में मंत्री था, नरसिम्हा रावजी के साथ में मंत्री था। मेरी जाति का एक ही एमएलए है असेंबली के अंदर, एक ही है और वो मैं खुद ही हूं.. मैं कई बार सोचता रहता हूं खुद भी, कि मैं कितना लकी व्यक्ति हूं, कितना सौभाग्यशाली हूं कि राजस्थान की जनता ने मुझे, मेरी कौम का एक एमएलए मैं खुद ही हूं, तब भी आप लोगों ने मुझे तीन-तीन बार मुख्यमंत्री बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जानता हूं कि आज मैं मुख्यमंत्री हूं, अगर छत्तीसों कौम मुझसे प्यार नहीं करतीं, मुझे आशीर्वाद नहीं देतीं, तो मुझे कैसे मुख्यमंत्री बनाया जाता तीन-तीन बार और सबसे बड़ी बात यह है कि मेरी जाति सैनी कहलाती है, कुशवाहा कहलाती है, माली कहलाती है, आज मैं मुख्यमंत्री हूं, मैं चाहता हूं कि हर कौम की सेवा करूं, चाहे वो जाट हों, गुर्जर हों, राजपूत हों, कुशवाहा हों, जाटव हों, ब्राह्मण हों, बनिया हों, मीणा हों, जो भी कौम के लोग हैं, कोई भी हों, क्योंकि मैं इस बात को जानता हूं कि जातियों के आधार कोई मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं।