काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान शासन द्वारा सभी गैर सरकारी संगठनों को महिला कर्मचारियों को काम से प्रतिबंधित करने वाले आदेश के बाद गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) क्रिस्टेन एड और एक्शन एड ने यहां अपना काम बंद कर दिया है और इस तरह का कदम उठाने वाले एनजीओ की संख्या बढ़कर छह हो गई है।
क्रिस्टेन एड के वैश्विक कार्यक्रमों के प्रमुख रे हसन ने एक बयान में कहा कि हम जल्द से जल्द स्पष्टता चाहते हैं और अधिकारियों से प्रतिबंध को वापस लेने का आग्रह करते हैं। लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता है दुर्भाग्यवश हम अपने कार्यक्रमों को रोक रहे हैं।
एक्शन एड ने अपने एक वक्तव्य में कहा कि अगर महिलाओं को समूह में काम करने से प्रतिबंधित किया जाता है तो यह हमें आधी आबादी तक पहुंचने से भी रोकेगा, जो पहले से ही भूख से पीड़ित हैं।
एक्शन एड ने अफगानिस्तान में अपने अधिकांश कार्यक्रमों को अस्थायी रूप से निलंबित करने का कठिन निर्णय लिया है जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती है। रविवार को, सेव द चिल्ड्रन, नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल और केयर ने घोषणा की थी कि वे अफगानिस्तान में अपने कार्यक्रमों को रोक रहे हैं।