उदयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक हस्तीमल हिरण का आज सुबह उदयपुर में निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे। पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उन्होंने उदयपुर स्थित संघ कार्यालय केशव निकुंज में अंतिम सांस ली। उन्होंने देहदान का संकल्प ले रखा था।
अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर शाम पांच बजे तक शिवाजी नगर स्थित संघ कार्यालय केशव निकुंज में रखा गया। इसके बाद देहदान के कारण उनके पार्थिव शरीर को रवीन्द्र नाथ टेगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय उदयपुर ले जाया गया।
हस्तीमल का जन्म राजसमंद जिले में चंद्रभागा नदी के दक्षिण तट पर आमेट कस्बे में हुआ। वह मेधावी छात्र थे और उन्होंने संस्कृत में एमए की और एमए में नेशनल स्कॉलशिप प्राप्त की। वह किशोरावस्था में ही संघ के स्वयंसेवक बन गए थे। हायर सेकंडरी के बाद उन्होंने नागपुर में संघ का तृतीय वर्ष प्रशिक्षण प्राप्त किया और प्रचारक बन गए।
अगले एक दशक तक उदयपुर में संघ के विभिन्न उत्तरदायित्वों सहित जिला प्रचारक रहे। वह आपातकाल के बाद 23 वर्षों तक जयपुर में संघ के विभाग प्रचारक, संभाग प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक, प्रांत प्रचारक, सह क्षेत्र प्रचारक और क्षेत्र प्रचारक रहे। जुलाई 2000 में सह बौद्धिक प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली।
वर्ष 2004 से 2015 तक अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रहे। इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी से जुड़े रहे। यह सुखद संयोग रहा कि हस्तीमल को ब्रह्मदेव, सोहन सिंह और जयदेव पाठक जैसे वरिष्ठ प्रचारकों के सान्निध्य में कार्य करने का अवसर मिला।