अरवल। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंदू धर्म ग्रंथ रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के दिए गए विवादास्पद बयान से आज साफ शब्दों में कहा कि धर्म के मामले में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
समाधान यात्रा पर मंगलवार को अरवल पहुंचे कुमार से जब पत्रकारों ने रामचरित्र मानस पर शिक्षा मंत्री के विवादास्पद बयान को लेकर सवाल किया तब उन्होंने कहा कि कहां कोई विवाद है, यह सब फालतू चीज है। इन सब चीजों पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लोगों का दृष्टिकोण है कि कोई भी धर्म को मानने वाला हो, उसके धर्म के मामले में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए है।
कुमार ने आगे कहा कि जो भी जिस ढंग से धर्म का पालन करते हैं उन्हें करने देना चाहिए। सब को इज्जत मिलनी चाहिए और इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर अब यहीं विराम लगाने के अंदाज में कहा कि हमने तो पहले ही उन्हें (चंद्रशेखर) समझा दिया है और अब तो उप मुख्यमंत्री ने भी इस बारे में कह ही दिया है।
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हाल ही में रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। उन्होंने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि मनुस्मृति, रामचरितमानस और गुरु गोलवलकर का बंच ऑफ थॉट्स समाज को बांटने वाली पुस्तक है। शिक्षा मंत्री के इस बयान की खूब आलोचना हो रही है।