झुंझुनूं। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बार-बार पेपर लीक मामले में इसके लिए जिम्मेदारी तय करके एक्शन लेने की जरूरत बताते हुए कहा है कि इसमें कोई न कोई तो जिम्मेदार होगा। पायलट आज झुंझुनूं जिले के गुड़़ा गांव में आयोजित किसान सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जब बार-बार पेपर लीक होते हैं तो हमें दुख होता है। इसके लिए जिम्मेदारी तय करके एक्शन लेना होगा। उन्होंने कहा कि अब कहा जा रहा है कि कोई अफसर जिम्मेदार नहीं है। पेपर तिजोरी में बंद होता है। तिजोरी में बंद पेपर बाहर बच्चों तक कैसे पहुंच गया। यह तो जादूगिरी हो गई। उन्होंन कहा कि ऐसा संभव नहीं है कि कोई अफसर जिम्मेदार नहीं है। कोई न कोई तो जिम्मेदार होगा।
उन्होंने बड़े अफसरों को सेवानिवृत्ति के बाद राजनीतिक नियुक्तियां देने पर अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़े अफसर शाम को रिटायर होते हैं। रात 12 बजे उनको राजनीतिक नियुक्ति मिल जाती है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों को राजनीतिक नियुक्तियां दी गई। लेकिन जिन लोगों ने सरकार बनाने के लिए खून पसीना बहाया, उनका अनुपात सुधारना होगा।
पायलट ने कहा प्रदेश में बहुत से ऊंचे अधिकारी हैं जो अधिकारी हमारी सरकार में काम करते हैं। उन्हें यह फर्क नहीं पड़ता कि राज कांग्रेस का है या भाजपा का है। अफसर तो राज की नौकरी करते हैं। बड़े अफसरों को भी हमें राज में मौका देना हो तो दीजिए लेकिन अनुपात बेहतर होना चाहिए। उन्होंने कहा कांग्रेस का कार्यकर्ता चाहे मेरा समर्थक हो या किसी और का हो उसे कोई राजनीतिक नियुक्तियों में पद दें तो उसका हम सब स्वागत करेंगे।
पायलट ने कहा कि वर्ष 2013 में हमारे 21 विधायक रह गए थे। केवल दो मंत्री जीते थे बाकी पूरी कैबिनेट हार गई थी। उन विपरीत हालात में कांग्रेस हाईकमान ने मुझे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाकर भेजा। उस वक्त मैं केंद्र में मंत्री था। लोगों ने तब कहा था यह फायदे का सौदा नहीं है। वहां तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। मैंने सब कुछ छोड़कर कार्यकताओं और नेताओं को जोड़ने इकट्ठा करने की कोशिश की। फलस्वरूप हमने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाई।
कार्यक्रम को वन मंत्री हेमाराम चौधरी, परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला, सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा, अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा सहित कई विधायकों एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया।