सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही विधायक संयम लोढ़ा के जन्मदिन पर संयमदीप फाउण्डेशन की तरफ से रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में एक हजार से ज्यादा समर्थकों को पंजीयन हुआ। शाम तक चले रक्तदान शिविर में करीब 423 लोगों ने रक्तदान किया।
प्राथमिक जांच के बाद स्वास्थ्य कारणों से कईयों को रक्तदान के लिए योग्य नहीं माना था। रक्तदान करवाने के लिए मेडीकल कॉलेज से संबद्ध चिकित्सालय की पैथोलॉजी विभाग की टीम के चिकित्सक व सहायक स्टाफ लगे रहे। शिविर में आए रक्त का क्या होगा? कैसे उपयोग होगा? इस चर्चा के ज्यादा एक चौंकाने का विषय सामने आया है जिस पर जिला प्रशासन, एनजीओ और जनप्रतिनिधियों को काम करने की आवश्यकता है।
शिविर के बाद जिला मुख्यालय समेत जिले में रक्त में हीमोग्लोबिन जांच करने के वृहद शिविर की आवश्यकता भी सामने आई है। नियमित रूप से रक्त में हीमोग्लोबिन की जांच करवाने और इसके प्रति सिरोही के जनप्रतिनिधियों को भी लोगों को जागरुक करने की जरूरत है।
संयम लोढ़ा के जन्मदिन पर सिरोही जिला मुख्यालय पर जिले भर से उनके समर्थक रक्तदान के लिए पहुंचे। इनमें सिरोही विधानसभा के सिरोही और शिवगंज तहसील के अलावा पिण्डवाड़ा, आबूरोड और रेवदर तहसील के लोग भी शामिल थे। रक्तदान से पहले इनका पंजीयन हुआ। रक्त समूह और हीमोग्लोबिन की जांच हुई। इसके बाद वहीं हॉल में रक्तदान किया गया।
युवाओं में रक्तदान को लेकर खासा उत्साह था। एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस के साथ ब्लॉक और जिला कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं समेत सामान्य नागरिकों ने भी रक्तदान किया। इस दौरान संयम लोढ़ा के आयोजन स्थल पर पहुंचने पर विभिन्न संगठनों ने उनका अभिवादन किया।
शिक्षक संघ, सिरोही के पार्षदों, आईएमए सिरोही चैप्टर, यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई, ब्लॉक कांग्रेस आदि संगठनों और जिले से आए लोगों ने उन्हें माल्यार्पण करके शुभकामनाएं दी। सिरोही जिला अभिभाषक संघ से जुड़े वकीलों ने उन्हें गुड़ से तोला। कई लोग विधायक के लिए केक लाए और कईयों ने मुंह मीठा करवाया। प्रभारी मंत्री महेन्द्र चौधरी, जिला कलेक्टर डॉ भंवरलाल समेत कई लोग उन्हें शुभकामना देने के लिए पहुंचे।
-दो तस्वीरें दे सकती हैं प्रेरणा
सिरोही पिछड़ा जिला होने के कारण रक्ताल्पता की समस्या से ग्रसित है। स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरुकता के अभाव में यहा रक्तदान को लेकर भी लोगों में काफी भ्रांति है। ये भ्रांति पुरुषों में भी है। महिलाएं तो रक्तदान करने से पूर्व इन भ्रांतियों से ग्रसित रहती ही हैं। लेकिन, यहां पर शहरी और ग्रामीण परिवेश की दो महिलाओं द्वारा रक्तदान की तस्वीर हर किसी के लिए रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए प्रेरणा का काम कर सकती है।
-ये लोग थे मौजूद
इस दौरान हर वर्ग और उम्र के सैंकड़ों लोग यहां पर मौजूद थे। सभापति महेन्द्र मेवाड़ा, शिवगंज पालिकाध्यक्ष वजींगराम घांची, पीसीसी मेंबर हरीश चौधरी, हरीश राठौड़, किशोर राजपुरोहित, सुमेरपुर प्रधान हरिशंकर मेवाड़ा, रेवदर के पूर्व उप प्रधान मोतीराम, पूर्व जिला प्रमुख अनाराम बोराणा, शिवगंज महिला कांग्रेस अध्यक्ष नजमा सिलावट, यूथ कांग्रेस महिला विधानसभा अध्यक्ष नजमा सिलावट, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश मीणा, हबीब शेख, पुरुषोत्तम मिन्हास, प्रवीण जैन, कोमल परिहार आदि समेत काफी संख्या में पदाधिकारी, कार्यकर्ता, सरपंच, पंचायत व जिला परिषद सदस्य व सामान्य नागरिक मौजूद थे।
-इस कारण से भी वंचित रह गए कई लोग
रक्तदान से पहले कइयों ने अपनी रक्त जांच करवाई। इस दौरान काफी लोगों को रक्तदान के लिए अयोग्य माना गया। इनमें काफी संख्या में पुरुष थे। इनसे रक्तदान के लिए अयोग्य होने का कारण प्राथमिक जांच में हीमोग्लोबिन कम होने को कारण बताया। महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी आम है। रक्तदान के लिए पुरुषों में 12.5 और महिलाओं में 11 से ज्यादा हीमोग्लोबिन होना आवश्यक है। तभी वो रक्त किसी रक्ताल्पता से पीडि़त व्यक्ति के काम आ सकता है। शिविर में रक्तदान से पहले सावधानी बरतते हुए हीमोग्लोबिन की जांच की तो कई पुरुषों में भी हीमोग्लोबिन की कमी सामने आई।
यू जो रक्त जमा हुआ है उसकी विस्तृत जांच भी अब लैब में की जाएगी। शिविर के माध्यम से अनजाने में ही सही लेकिन, जिला मुख्यालय समेत जिले में भी पुुरुषों को अपने खानपान की आदतें बदलने की आवश्यकता नजर आने लगी है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि हीमोग्लोबिन की कमी वाले पुरुषों में सभी ऊपरी तौर से शरीरिक फिट नजर आ रहे थे और इनमें से कई शहरी इलाकों के थे।
इसके लिए जनप्रतिनिधियों को भी जागरुकता फैलाने की जरूरत है। चिकित्सकों के अनुसार फास्ट फूड की आदतों ने रक्ताल्पता की समस्या आती है। खाने में बाजरे को शामिल करने से खून में हीमोग्लोबिन बढ़ता है। चिकित्सकों के अनुसार हीमोग्लोबिन की कमी से व्यक्ति के काम करने के दौरान जल्दी थकने की समस्या आती है।