नई दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग पर कैसिनोंख् रेस कोर्स की तरह ही 28 फीसदी जीएसटी लगाये जाने पर विचार किए जाने की खबरों के बीच इससे जुड़ी कंपनियों ने अपने वकील के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय से गुहार लगाई है।
अधिवक्ता अभिषेक मल्होत्रा ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल ऑनलाइन स्किल गेंमिंग ऑपरेटरों को जीजीआर पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान करना होता है। इसमें जीजीआर वह राशि है जो एक ऑपरेटर किसी विशेष गेम को खेलने के उद्देश्य से खिलाड़ियों के भुगतान किए गए प्रवेश शुल्क से काटता है।
लेकिन, रिपोर्टों में कहा गया है कि अनेक राज्यों ने कैसिनो, रेस कोर्स, और ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत की एक समान दर का विचार किया है, जिसमें कोई गतिविधि एक कौशल गेम है या जोखिम उठाना है या दोनों है, इसका कोई भेद नहीं किया गया है। इस वजह से, जीएसटी बढ़कर 28 प्रतिशत हो जाएगी और फिर लगभग 55 प्रतिशत का बढ़ा प्रतिशत मौजूदा संचालकों पर बोझ को बढ़ाने का काम करेगा।
उन्होंने कहा कि सेवा के वर्गीकरण की योजना के तहत अन्य ऑनलाइन सामग्री से संबंधित अध्याय के व्याख्यात्मक नोट के रूप में ऑनलाइन स्किल गेमिंग पर विशेष रूप से कहा गया है कि इस सर्विस कोड में ऐसे गेम शामिल हैं जिन्हें इंटरनेट पर खेलने के लिए तैयार किया गया है, जैसे कि रोल-प्लेइंग गेम (आरपीजी), रणनीति गेम, एक्शन गेम, कार्ड गेम, बच्चों के गेम; सॉफ्टवेयर जिसे ऑनलाइन क्रियान्वित करने का मकसद है, गेम सॉफ्टवेयर को छोड़कर; परिपरक्व थीम या विषय, ग्राफिक्स, लाइव फीड्स, इंटरैक्टिव प्रदर्शन और वर्चुअल गतिविधियों समेत इंटरनेट पर प्रकाशित और प्रसारित स्पष्ट यौन सामग्री, वेब सर्च पोर्टल्स पर प्रदान की गई सामग्री, यानी आसानी से खोजने योग्य प्रारूप में इंटरनेट पतों और सामग्री के व्यापक डेटाबेस; स्ट्रीम किए गए समाचार सहित आंकड़े या अन्य जानकारी; अन्य ऑनलाइन सामग्री जो ऊपर शामिल नहीं है जैसे ग्रीटिंग कार्ड, चुटकुले, कार्टून, ग्राफिक्स, मानचित्र। ऐसे ऑनलाइन स्किल गेम ऑपरेटरों द्वारा आयोजित किए जाने वाले अधिकांश गेम उपरोक्त श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
मल्होत्रा ने कहा कि उद्योग ने सिन/लक्जरी सामान और सेवाओं से ‘ऑनलाइन गेमिंग’ को बाहर करने का अनुरोध किया है। ऑनलाइन गेमिंग को कैसिनो और घुड़सवारी के साथ जोड़ा जा रहा है, जिसे न केवल सिन गुड्स के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, बल्कि यह विशेष रूप से समाज के अभिजात्य वर्गों तक सीमित है, लेकिन इसके उलट डिजिटल गेमिंग के यूजरों की संख्या में टियर-2 और टियर-3 शहरों में व्यापक वृद्धि देखी गई है।
बढ़े हुए टैक्स स्लैब की व्यावहारिकता का अभाव और यूजर को बनाए रखने पर पर इसका प्रतिकूल प्रभाव: अभी तक, अधिकांश संचालक अपनी वृद्धि के शुरुआती चरण में हैं और वे शायद ही लाभ की स्थिति में हैं। ऐसे में अतिरित कर बोझ उनके राजस्व को प्रभावित कर सकता है और उनके अनुमानित विकास को महत्वपूर्ण रूप से बाधित कर सकता है, जिससे इस क्षेत्र में आने वाले निवेश में गिरावट का रुझान भी देखा जा सकता है। इस अतिरिक्त लागत का बोझ उठाने से ऑपरेटर्स के राजस्व में और कमी आएगी।