नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के आबकारी घोटाले के मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आज निशाना साधा और उन्हें घोटाले के असली सूत्रधार बताते हुए पूछा कि वह मुख्यमंत्री पद से कब इस्तीफा देंगे।
भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मनीष सिसौदिया के त्यागपत्र से कई अहम सवाल उठ खड़े हुए हैं क्योंकि इसमें तिथि नहीं है। क्या इस तरह से आबकारी नीति घोटाले के सूत्रधार अरविंद केजरीवाल ने संविधान के साथ फिर कोई खिलवाड़ किया है। बिना तारीख के त्यागपत्र से उनके तौर तरीकों के बारे में खुलासा हुआ है।
भाटिया ने घोटाले के विवरण की चर्चा करते हुए कहा कि केजरीवाल ने आबकारी नीति के बारे में एक मंत्रिसमूह बनाया था जिसमें तीन मंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत नामित किए गए। प्यादों (मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन) से तो इस्तीफा ले लिया लेकिन जिसने घोटाला करवाया, जिसके निर्देश पर घोटाला हुआ और जिसने घोटाले की रचना की, वे केजरीवाल आप इस्तीफा कब देंगे?
उन्होंने कहा कि अपनी सरकार के मुखिया के रूप में केजरीवाल ने मंत्रिसमूह के गठन को मंजूरी दी थी और उसे विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया था। अब चूंकि मंत्रिसमूह के दो मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं, आप ही इस निर्णय के कर्ताधर्ता हैं, मैं केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि अब आप कब त्यागपत्र देने जा रहे हैं?
उन्होंने यह भी सवाल किया कि घोटाला प्रकाश में आने के बाद मंत्रिसमूह के अन्य सदस्य कैलाश गहलोत ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया। केजरीवाल को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने अपने मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए मंत्रिसमूह की रिपोर्ट तुंरत क्रियान्वित करने का फैसला लिया था या नहीं।
भाटिया ने कहा कि केजरीवाल के निजी सहायक ने घोटाला प्रकाश में आने के बाद चार मोबाइल फोन नष्ट किए हैं। मुख्यमंत्री बताएं कि आखिर उनके निजी सहायक ने वे चार मोबाइल फोन क्यों नष्ट किए। क्या ऐसा इसलिए किया गया था कि केजरीवाल स्वयं भी घोटाल में शामिल हैं।