कासरगोड। केरल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल कंठ ने कासरगोड में पदस्थापित, अपराध शाखा में तैनात एक इंस्पेक्टर को, एक महिला की ओर से यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद व्यवहार -अयोग्य पाए जाने पर शनिवार को बर्खास्त कर दिया।
कंठ ने पलक्कड़ निवासी केआर शिवशंकरन को वर्ष 2019 में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने और यौन उत्पीड़न के कथित आरोपों में एक महिला शिकायतकर्ता की शिकायत के मद्देनजर सजा के तौर पर कासरगोड तबादला किया कर दिया गया था।
इंस्पेक्टर ने शिकायतकर्ता की नग्न तस्वीरें खींच थी और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। बाद में, उसने मामले के बारे में बात करने के लिए महिला शिकायतकर्ता को त्रिशूर जिले के थिरुविल्वमला बुलाया। महिला अपने स्कूटर पर पहुंची और शिवशंकरन उसे कथित तौर एक कार से कुचलते हुए भाग गया। डीजीपी ने आज शिवशंकरन को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया। शिवशंकरन 56 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति के लिए केवल दो महीने प्रतीक्षा कर रहा था।
पुलिस विभाग के एक बयान में कहा गया है कि शिवशंकरन जिसे 2006 से चार बार निलंबित किया गया और दुष्कर्म, अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने तथा अन्य से संबंधित अलग-अलग मामलों में ग्यारह बार विभागीय कार्यवाही का सामना किया है। डीजीपी ने केरल पुलिस (केपी) अधिनियम की धारा 86 (3) के अनुसार सेवा से उनकी अयोग्यता का आदेश दिया।
डीजीपी ने पहले शिवशंकरन को कारण बताओ नोटिस दिया और बाद में उनकी दलीलें सुनने के लिए तिरुवनंतपुरम बुलाया, और यह पाया गया कि उसके तर्क निराधार हैं तथा बर्खास्तगी के लिए उसके खिलाफ प्रयाप्त प्रमाण हैं।