अमृतसर। श्रीगुरू राम दास मेडीकल कॉलेज में चार दिन पूर्व एमबीबीएस की छात्रा द्वारा आत्महत्या के मामले में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में सोमवार को कॉलेज के छात्रों ने प्रशासन से इंसाफ की मांग की है।
कॉलेज के डीन डॉ एपी सिंह ने कहा कि चार दिन पहले कॉलेज की छात्रा पंपोश ने आत्महत्या कर ली थी। उन्होने कहा कि इस मामले में एकतरफा कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पंपोश के साथी छात्रों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस की इस एकतरफा कार्रवाई पर बच्चों के माता-पिता, रिश्तेदार आदि आज कॉलेज के अंदर जमा हो गए और उन्होंने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा।
डॉ एपी सिंह ने कहा कि पंपोश पढ़ाई में अच्छी छात्रा थी। उसने समय-समय पर महाविद्यालय ने विभिन्न आयोजनों में भाग लेने का साहस दिखाया। महरूम पम्पोज़ की माँ द्वारा लगाया गया आरोप कि एससी समुदाय से होने के कारण उसे डॉक्टर नहीं बनने दिया गया, लेकिन यह बात कॉलेज के रिकॉर्ड में मौजूद है कि उन्होंने अपना एमबीबीएस पूरा कर लिया है।
सभी परीक्षाएं पास कर ली थी और उसकी इंटर्नशिप अगले महीने खत्म हो रही थी तो डॉक्टर न बनने का दावा पूरी तरह से झूठा और निराधार है। लेकिन पंपोश अपने पारिवारिक कारणों से काफी समय से मानसिक तनाव में थी और उसका मनोरोग का इलाज चल रहा था।
एमबीबीएस कई छात्रों ने कहा कि वर्तमान में कॉलेज में पढ़ने वाले लगभग 400 छात्र अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के समुदाय से संबंधित हैं। कॉलेज में किसी छात्र द्वारा ऐसी कोई शिकायत नहीं की गई है। पंपोश ने कॉलेज के प्रशासनिक अमले से भी इस बात का जिक्र नहीं किया कि कॉलेज में मुझे परेशान किया जा रहा है।
अगर लड़की की मां के मुताबिक लड़की को परेशान किया जा रहा था तो लड़की या उसकी मां कॉलेज प्रबंधन से शिकायत कर सकती थी लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ और अगर कॉलेज पिछले 5 साल से सुनवाई नहीं कर रहा था तो कोई पुलिस में शिकायत करे।
पुलिस की एकतरफा कार्रवाई से कॉलेज के छात्रों में पुलिस के प्रति काफी रोष है। उनकी मांग है कि पुलिस निष्पक्ष जांच करे जिसमें कॉलेज के छात्रों और स्टाफ से पूछताछ के बाद अगर कोई सच्चाई सामने आती है तो कानून को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करें। उनका कहना है कि किसी भी छात्र के साथ गलत व्यवहार या धक्का-मुक्की नहीं होनी चाहिए। हम उपरोक्त घटना की जांच में पुलिस को हर संभव सहयोग प्रदान करेंगे।