सबगुरु न्यूज – सिरोही। अपरिपक्व नेताओं की वजह से कई बार बड़े नेताओं को शर्मिंदगी झेलनी पड़ जाती है ऐसा ही कुछ वाक्य सिरोही मेडिकल कॉलेज से संबद्ध चिकित्सालय में शुक्रवार को देखने को मिला।
हुआ यूं कि सांसद देवजी पटेल और पूर्व गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी जिला प्रमुख अर्जुन पुरोहित के साथ में गुरुवार रात को हुए हादसे में घायल लोगों को देखने आए थे। इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष लोकेश खंडेलवाल उनका भाजपा का दुपट्टा गले में लपेटकर उनका स्वागत करने की नादानी कर गए। जबकि उन्हें पता था इस हादसे में 3 लोगों की जान जा चुकी है।
दो लोग गंभीर घायल हैं और अपनी जिंदगी से लड़ रहे हैं। कई छोटे बच्चे घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद लोकेश खंडेलवाल ने चापलूसी की तमाम सीमाएं पार करते हुए संवेदनहीनता की की पराकाष्ठा पार कर दी। यह तो सांसद देवजी पटेल उनके द्वारा की हुई गलती को भाग गए और उन्होंने खुद के गले में डाले गए भाजपा के दुपट्टे को समेटकर जेब में डाल लिया और ओटाराम देवासी और जिला प्रमुख के गले में डाले फोटो पट्टों को भी सिमटवा दिया।
– दो तस्वीरें दो भावनाएं
जिला चिकित्सालय में गुरुवार रात को हुए हादसे के बाद सिरोही विधायक संयम लोढ़ा सिरोही मेडिकल कॉलेज से संबद्ध चिकित्सालय में पहुंचे। वहीं शुक्रवार को सांसद देवजी पटेल ओटाराम देवासी और जिला प्रमुख के साथ पहुंचे। जब विधायक पहुंचे तो उनके साथ भी चिकित्सालय परिसर में उनके समर्थक पहुंचे थे। सांसद के साथ भी स्थानीय भाजपाई चिकित्सालय परिसर में पहुंचे थे।
अंतर ये था कि संयम लोढ़ा के समर्थकों की भीड़ उनके साथ वार्ड में नहीं घुसी वहीं विधायक के साथ वार्ड में हुजूम उमड़ पड़ा। जिससे बाद में तो वहां के नर्सिंग स्टाफ को कार्यकर्ताओं को कहना पड़ा कि इस वार्ड में ऑपरेशन वाले मरीज भी हैं, भीड़ कम कीजिए अन्यथा।
मरीजों को इन्फेक्शन हो जाएगा। अब इन तस्वीरों में नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं की भीड ये बता रही है कि किस नेता का अपने कार्यकर्ताओं और कितना नियंत्रण है या ये बता रही है कि किस नेता के समर्थक कितने गैर जिम्मेदार और गैर ज्वाबदेह हैं।
– सांसद ने देखी व्यव्स्था
सांसद देवजी पटेल ने चिकित्सालय में भर्ती दुर्घटना में घायल लोगों के हाल चाल पूछे। उनके साथ पीएमओ डॉ वीरेंद्र महात्मा, डॉक्टर निहालसिंह शामिल थे। सांसद ने पीएमओ से मरीजों के हालचाल पूछे। उन्होने पीएमओ को कहा कि यदि किसी को रेफर करने की जरूरत हैं उन्हें रैफर करें और इसके बाद उन्हे बताएं। जिससे वो उस स्थान के चिकित्सक से बात करके उपचार को और बेहतर दिलवा गए।