शतचंडी महायज्ञ व श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ में उमड़े श्रद्धालु
नसीराबाद/बाघसूरी। नसीराबाद के समीपवर्ती न्यारा गाव में पहाड़ी पर स्थित कालिका माता मंदिर पर चल रहे 51 कुंडीय शतचंडी महायज्ञ व श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान बुधवार को पंडितों ने विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण कर महंत बालकदास गिरी व राजगढ़ मसाणिया भैरवधाम के मुख्य उपासक चंपालाल के सान्निध्य में सामाजिक कार्यकर्ता रामदेव गुर्जर, राजकुमार कटारिया आदि ने कालिका माता मंदिर पर शिखर कलश चढ़ाया।
इस मौके पर यज्ञशाला के विशाल पांडाल में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए राजगढ़ मसाणिया भैरवधाम के मुख्य उपासक चंपालाल महाराज ने कहा कि हमारी संस्कृति धर्म व सेवा की बुनियाद पर टिकी हुई है। युवाओं को सनातन धर्म का ज्ञान होना बेहद जरूरी है। आज का युवा धर्म से मुंह मोड़ता जा रहा है। ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों से युवा जुड़े रहेगे तो सनातन धर्म चिरस्थायी रहेगा।
मंहत बालकदास गिरी ने कहा कि धर्म से व्यक्ति रास्ता नहीं भटकता। न्यारा के पहाड़ी स्थित कालिका माता मंदिर प्रांगण पर यह 56वां महायज्ञ चल रहा है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में धर्म कर्म करते रहना चाहिए। यज्ञ में आहुतियां देने से वायुमंडल शुद्ध होता है। आज की भागदौड़ की जिंदगी में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
इससे पूर्व महायज्ञ समिति की ओर से मुख्य उपासक चंपालाल व मंहत बालकदास गिरी का 51 किलो फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर नांदला सरपंच मानसिंह रावत, न्यारा सरपंच मुकेश कुमार गुर्जर, सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार कटारिया, रामदेव गुर्जर, चेतन पारीक, सुरेशचंद चौधरी, कल्याणमल सेन, अजयदीप सिंह, अनिल सोलंकी, नारायण सिंह, पंस सदस्य शंकर सिंह रावत, सलीम खान, पुखराज सिंह रावत, सुखपाल प्रजापत आदि मौजूद थे।
शतचंडी महायज्ञ में दी आहुतियां
कालिका माता मंदिर प्रांगण पर चल रहे शतचंडी महायज्ञ व श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ के बीच धार्मिक अनुष्ठान में कई संत महात्माओं की मौजूदगी में आहुतियां देने का दौर बुधवार को भी जारी रहा। पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण कर हवन कुंड में आहुतियां दिलवाई। महायज्ञ की पूर्णाहुति गुरूवार की जाएगी।
गीता ज्ञान का अखंड भंडार हैं
कालिका माता मंदिर प्रांगण पर चल रहे शतचंडी महायज्ञ व श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान छठे दिन बुधवार को कथा वाचक शिव किशोरी वृंदावन ने प्रवचनों में कहा कि गीता ज्ञान का भंडार है, गीता गंगा से बढ़कर है। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन क्षणिक व क्षणभंगुर है। हम खाली हाथ आए हैं और खाली हाथ चले जाएंगे। मनुष्य जीवन अनमोल है। इस जीवन में भागवत कथा का श्रवण करने से मुक्ति मिल जाएगी। कथा वाचक शिव किशोरी वृंदावन के भजनों पर पांडाल में श्रद्धालु झूम उठे तथा जयकारे गूंजते रहे।