गाजीपुर। उत्तर प्रदेश में गाजीपुर की सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत ने शनिवार को माफिया मुख्तार अंसारी, उसके भाई एवं बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजल अंसारी को 16 वर्ष पुराने गैंगस्टर अधिनियम मामले में दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई।
सरकारी वकील नीरज श्रीवास्तव ने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दुर्गेश पांडेय की अदालत ने मुख्तार को 10 साल कैद और पांच लाख रुपए जुर्माना सुनाया, जबकि अफजल को चार साल कैद और एक लाख रुपए जुर्माना सुनाया है। मुख्तार हालांकि इस समय बांदा जेल में बंद है। ,
उसकी वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेशी हुई, अफ़ज़ल अदालत में पेश हुआ, जहाँ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और वकीलों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को अदालत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी। अदालत ने गैंगस्टर मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अफजल को गाजीपुर जेल भेज दिया।
गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर अफजल लोकसभा की सदस्यता जा सकती है। इस मामले की सुनवाई एक अप्रैल को समाप्त हुई थी और अदालत की ओर से फैसला सुनाने के लिए 15 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की गई लेकिन न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण अगली तारीख 29 अप्रैल तय की गई थी।
मुख्तार और अफजल के खिलाफ 2007 में एक मामले में गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। उनके विरुद्ध 2005 में भारतीय जनता पार्टी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या और कोयला व्यापारी नंद किशोर रंगटा के अपहरण और हत्या एवं अन्य मामलों के दर्ज होने के बाद गैंगस्टर एक्ट लगाया था।
गौरतलब है कि मुख्तार और अफजल ने 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर जिला में भावरकोल पुलिस थाने के अंतर्गत सियारी गांव में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के साथ अन्य सात की हत्या को अंजाम दिया था। हमलावरों ने 400 गोली चलाई और उनके पास एके-47 रायफल के अलावा अत्याधुनिक हथियार थे।