गांव के विकास में जनहितार्थ के लिए पांच साल से सक्रिय हैं ग्रुप
तखतगढ़ (पाली)। ये बात उस वक्त की है जब पावा गांव से पढ़ाई करने के बाद कमाने एवं नौकरी करने के लिए घर परिवार से दूर जा बैठे। लेकिन, अपनी मातृभूमि से जुड़े दोस्तों के प्रति प्रेम बनाने के लिए सोशल मीडिया पर एक ग्रुप बनाया। समय के साथ बिछुड़े मित्रों को एक-दूसरे से जोड़ा गया। उसके बाद सभी गांव में जनहितार्थ के लिए चंदा एकत्रित करने में जुट गए। अब तक गांव के लिए 10 लाख रूपए एकत्रित कर बच्चों की परेशानी दूर करने व पक्षियों एवं मूक पशुओं के लिए कार्य करने का क्रम का सिलसिला शुरू हो गया।
सोशल मीडिया पर इसलिए बनाया ग्रुप
गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्वालय में 30-40 साल पहले अध्यनरत सैकड़ों युवा हर वर्ष पढकर करके आगे बढते गए। कई युवाओं बीच में पढ़ाई छोड़ दी। वे दिशावर में किसी तौर तरीके से नौकरी करने लगे या स्वयं का व्यवसाय बनाया। इन युवाओं में गांव के सोहनसिंह राजपुरोहित को विचार आया कि इंटरनेट के युग में पुराने सहपाठियों को एक मंच पर कैसे लाया जाए।
उन्होंने दोस्तों से बातचीत कर वाट्टएप्प पर वंदे पावा हेल्प फाउंडेशन नाम से ग्रुप बनाया। इसके बाद प्रतिदिन मातृभूमि के बारे में हजारों किमी दूर बैठकर भी चर्चा करते रहे। पांच साल पहले गांव में बच्चों के लिए मिठाई की व्यवस्था, स्वेटर या मूक पशुओं के लिए लंपी की बीमार के निजात के लिए कार्य योजना बनाकर स्वेच्छा से धन राशि एकत्रित करने का योजना को मूर्तरूप दिया।
इस योजना में गांव के कई युवा भी आगे आए। अब गोगरा-पावा की सरहद पर जर्जर अवाळा का की मरम्मत करने का बीड़ा उठाया है साथ ही प्रतिदिन दो माह तक पशुओं के पानी को अवाळों को भरवाया जाएगा। 70-80 चुग्गा एवं पानी के परिडें बनाकर पौधों पर लगाए हैै। इसके लिए एक श्रमिक को मासिक मानदेय पर रखा गया है।
नकद, फोन या गूगल पे करते हैं सदस्य
गांव के सोहनसिंह राजपुरोहित ने बताया कि ग्रुप में एक मिशन के लिए प्रस्ताव की पोस्ट भिजवाते हैं। इसके बाद ग्रुप के नाम से बने खाते में नकद, फोन या गूगल पे के जरिए राशि आनी शुरू होती है। गांव में गरीब परिवारों की मदद के लिए आगे की कार्ययोजना है। हाल मुंबबई में रह रहे पावा निवासी कांतिलाल ने बताया कि गांव के हित के लिए ये ग्रुप कारगर साबित हो रहा है। ऐसा प्रयास हर गांव के लोगों को करना चाहिए। मैं स्वयं भी अपने दोस्तों से मिलकर खुश हो जाता हूं।