नसीराबाद। पोक्सो के आरोपी निर्मल लक्षकार पुत्र महावीर प्रसाद निवासी देरांठू पुलिस थाना नसीराबाद सदर की और से प्रस्तुत फौजदारी अपील पर सुनवाई करते हुए उसकी दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश अशोक कुमार जैन ने जमानत पर रिहा करने के आदेश पारित किए हैं।
आरोपी अपीलांट के अधिवक्ता डॉ मनोज आहूजा ने बताया कि आरोपी के खिलाफ नाबालिग बच्ची के साथ छेड़छाड़ के आरोप में चार्जशीट प्रस्तुत की गई थी जिस पर बाद सुनवाई पोक्सो दो कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ अपराध प्रमाणित मानते हुए पांच साल की सजा से दण्डित किया था।
उक्त दंडादेश के आदेश को चुनौती देते हुए आरोपी के अधिवक्ता मनोज आहूजा व रविन्द्र पालीवाल ने यह तर्क प्रस्तुत किए कि अधीनस्थ न्यायालय ने अभियोजन के साक्षियों की प्रति परीक्षा के तथ्यों को नजरअंदाज किया है तथा डिफेन्स के गवाहों द्वारा दिए गए बयानों पर कोई विवेचन नहीं किया है। अभियोजन अपने मामले को संदेह से परे प्रमाणित करने में पूरी तरह विफल रहने के बावजूद भी दोषसिद्धि गलत की है।
आरोपी के अधिवक्ता मनोज आहूजा के तर्को से सहमत होते हुए न्यायाधीपति ने सजा पर रोक लगाकर आरोपी को 50 हजार रूपए के मुचलके व 25 हजार रूपए की दो जमानत प्रस्तुत करने पर रिहा करने के आदेश दिए जिसकी पालना में पोक्सो न्यायाधीश संख्या दो ने आरोपी को रिहा करने का आदेश जारी किया।