जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को बाड़मेर, सांचौर और सिरोही जिले में बिपरजॉय तूफान प्रभावितों क्षेत्रों हवाई सर्वे किया। गहलोत ने बाड़मेर जिले के चौहटन, धनाऊ और आसपास के क्षेत्रों में सर्वे करने के बाद प्रभावितों से मुलाकात की और राहत कार्यों का जायजा भी लिया।
इसके बाद मुख्यमंत्री सांचौर पहुंचे और सांचौर में प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया। इसके बाद सिरोही के आबू रोड़ में प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया। उन्होंने बिपरजॉय चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करने के बाद प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से मुलाकात की।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने बाड़मेर जिले में प्रभावितों से संवाद करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा बिपरजॉय को गंभीरता से लेकर पूर्व में ही तैयारियां कर ली गई थीं। हालांकि कच्चे मकानों, पशुओं और विद्यालय भवनों को नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराकर नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। गहलोत ने कहा कि 15 हजार से अधिक लोगों को बिपरजॉय आने से पूर्व ही शिफ्ट किया गया था। साथ ही लगभग दो हजार लोगों को बचाव टीमों द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
आर्मी सहित एसडीआरएफ की 17 और एनडीआरएफ की आठ टीमों सहित राहत एवं बचाव कार्यों में आपदा मित्रों, नागरिक सुरक्षा की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रदेश में क्षतिग्रस्त हुए सड़क, बिजली पोल और ट्रांसफॉर्मर एवं अन्य हुए नुकसान की शीघ्र मरम्मत के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
गहलोत ने आमजन से अपील की है कि वे नदी या अन्य जलभराव वाले स्थानों पर नहीं जाएं। बच्चों को तैरने से रोके तथा पानी के तेज बहाव में पैदल अथवा वाहन से नहीं गुजरें। किसी अनहोनी के अंदेशा होने पर प्रशासन को तुरंत सूचित करें। इस दौरान आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गोविंद राम मेघवाल, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, जिला कलक्टर अरूण कुमार पुरोहित एवं पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने सांचौर में बिपरजॉय से हुए नुकसान से संबंधित समस्याओं को सुना और अधिकारियों को शीघ्र समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भराव क्षेत्र, प्रभावित हुई नर्मदा केनाल, क्षतिग्रस्त सड़कों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस विपत्ति में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा, आपदा मित्रों ने उल्लेखनीय कार्य करते हुए आमजन को राहत पहुंचाई है।
गहलोत ने कहा कि प्रारंभिक आकलन में 8700 कच्चे घर, 225 विद्यालय भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। करीब 35 हजार घरों में आंशिक क्षति हुई है। प्रदेश में 8500 बिजली के पोल व लगभग 2000 ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि इस विपदा में राज्य सरकार आपके साथ है। सर्वे कराकर पीड़ितों को नियमानुसार मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने सड़कों की मरम्मत और विद्युत आपूर्ति के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस दौरान सांचौर में आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गोविंद राम मेघवाल, जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री व जिला प्रभारी मंत्री अर्जुन सिंह बामणिया, श्रम राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई, पूर्व विधायक रतन देवासी, संभागीय आयुक्त कैलाश चंद्र मीणा, पुलिस महानिरीक्षक जय नारायण, जिला प्रभारी सचिव आशुतोष ए.टी.पेडणेकर, विशेषाधिकारी सांचौर पूजा पार्थ मौजूद थे।
आबू रोड पर सरकारी उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, सिरोही विधायक संयम लोढ़ा, पिण्ड़वाड़ा-आबू विधायक समाराम गरासिया, रेवदर विधायक जगसी राम, सिरोही कलक्टर डॉ. भंवर लाल, पुलिस अधीक्षक जयेष्ठा मैत्रयी आदि मौजूद थे।