जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उदयपुर में दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की नीति के अनुसरण में धुर्वीकरण की राजनीति करने के उद्देश्य से कन्हैयालाल हत्याकाण्ड का मुद्दा उठाया गया है ताकि राजस्थान में धार्मिक उन्माद का वातावरण बना सके।
डोटासरा ने शुक्रवार को यहां मीडिया से कहा कि लेकिन अमित शाह को यह जानकारी नहीं है कि कन्हैयालाल के हत्यारों को राजस्थान पुलिस ने चौबीस घण्टे के भीतर गिरफ्तार कर लिया एवं राजस्थान सरकार ने उनके परिजनों को सरकारी सहायता देते हुए उनके दोनों पुत्रों को अनुकम्पा नियुक्ति दी और सर्वश्रेष्ठ पैकेज सहायता के रूप में प्रदान किया जिससे कन्हैयालाल के परिजन संतुष्ट है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में राजस्थान पुलिस से एनआईए ने जांच ले ली लेकिन एक साल बाद भी एनआईए व केन्द्र सरकार अपराधियों को न्यायालय से फांसी की सजा नहीं दिलवा सकी।
उन्होंने कहा कि शाह प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैला कर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकना चाहते है किन्तु वह इसमें सफल नहीं हो सकेंगे।
डोटासरा ने कहा कि शाह को यह गलतफहमी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लडक़र भाजपा संसद की 300 सीटें जीत सकती है जबकि हिमाचल, पंजाब तथा हाल में हुए कर्नाटक चुनाव में मोदी के चेहरे पर वोट नहीं मिलने की बात को साबित किया गया है। उन्होंने कहा कि जब से विपक्षी दलों ने एकता के साथ पटना में बैठक की है भाजपा के नेता बौखला कर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
डोटासरा ने कहा कि शाह ने कहा कि आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपति बनाया जो सम्मान की बात है किन्तु संसद के नए भवन के उद्घाटन में उन्हें नहीं बुलाकर भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति एवं देश का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि शाह ने जल जीवन मिशन के कार्यों को आधार बनाकर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री की पीठ थपथपाई किन्तु भूल गए कि राजस्थान की भौगोलिक स्थिति एवं क्षेत्रफल के कारण राजस्थान प्रदेश को विशेष पैकेज मिलना चाहिए था क्योंकि यहाँ पर गांव और ढाणियों में 15 किलोमीटर और उससे अधिक का फासला है। जल जीवन मिशन के तहत् 50-50 के अनुपात में अन्य राज्यों की भांति योजना प्रदेश के हितों के साथ कुठाराघात है जबकि प्रदेश के ही जनप्रतिनिधि आज जलशक्ति मंत्री है।
डोटासरा ने कहा कि शाह ने उज्जवला योजना के तहत् मुफ्त गैस कनेक्शन देने का जिक्र किया लेकिन रसोई गैस सिलेण्डर की कीमत 1100 रुपए से अधिक होने के कारण 14 प्रतिशत भी उपभोक्ताओं ने पुन: गैस सिलेण्डर महंगाई के कारण नहीं भरवाया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने इस योजना के उपभोक्ताओं को रुपए 500 की दर से 12 सिलेण्डर प्रतिवर्ष देने की योजना लागू कर प्रदेश की जनता को लाभान्वित किया है।
उन्होंने कहा कि शाह आरोप लगा रहे हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे को मंत्री बनवाना चाहते है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे अपने सांसद बेटे को मंत्री बनाने का प्रयास लम्बे समय से कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते है किन्तु वास्तविकता जो छुपाई जा रही है वह यह है कि भाजपा के बीएस येदियुरप्पा के बेटे भाजपा के ही विधायक है।
इसी प्रकार केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह हैं, कैलाश विजयवर्गीय के बेटे विधायक हैं, प्रमोद महाजन की पुत्री पूनम महाजन भाजपा की राजनीति में सक्रिय है, वेदप्रकाश गोयल के बेटे पीयूष गोयल केन्द्रीय मंत्री हैं, हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे अनुराग ठाकुर केन्द्रीय मंत्री हैं, राजस्थान में पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी की बेटी भाजपा से विधायक हैं।
डोटासरा ने प्रश्न किया कि क्या भाजपा किसी भी राज्य में भाजपा नेताओं के परिजनों को टिकट नहीं देने की घोषणा कर सकती है, यदि ऐसा नहीं करते तो उन्हें अन्य दलों पर अंगुली उठाने का कोई हक नहीं है।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी लड़ाई को जगजाहिर बताते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रदेश में सभा करने आए तो भाजपा नेताओं द्वारा एक-दूसरे को धकेलने व कोहनी मारने का दृश्य सभी ने देखा, हाल में केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की जोधपुर की सभा में भाजपा नेताओं द्वारा माईक की छीना-छपटी सबके सामने हुई, इसी प्रकार आज शाह की सभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रोटोकॉल में नाम होने व भाषण तैयार होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को भाषण के लिए नहीं बुलाकर सीधे ही शाह को भाषण के लिए बुलाया।
उन्होंने कहा कि शाह को दूसरे दलों पर टिप्पणी करने से पूर्व स्वयं की पार्टी के अंदरूनी कलह पर ध्यान देना चाहिए। डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में गहलोत सरकार द्वारा गुड गर्वनेन्स के साथ प्रदेश की जनता को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई घटना होने पर सरकार द्वारा तुरन्त कार्यवाही की जाती है एवं पीडि़त को सहायता प्रदान की जाती है किन्तु भाजपा की केन्द्र सरकार ने अन्तर्राष्ट्रीय मेडल प्राप्त महिला खिलाडिय़ों के 40-45 दिन तक चले धरने को धक्के देकर उठवा दिया किन्तु आरोपी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की।