मुंबई। महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा ) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार सहित इसके कई शीर्ष नेता रविवार को एकनाथ शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल हो गए।
पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया, छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल, दिलीप वाल्से-पाटिल, हसन मुश्रीफ और धनंजय मुंडे सहित पार्टी के शीर्ष नेता भी मंत्रिमंडल में शामिल हुए। इससे पहले अजित पवार 29 विधायकों के साथ राजभवन गए थे। सूत्रों ने कहा कि दिग्गज नेता शरद पवार अचानक हुए घटनाक्रम से नाराज हैं और उन्होंने अपने भतीजे का समर्थन नहीं किया है।
अजित पवार का शपथग्रहण ‘ऑपरेशन लोटस’ का हिस्सा : राकांपा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने रविवार को अजित पवार और अन्य वरिष्ठ नेताओं के एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री पद का शपथग्रहण को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘ऑपरेशन लोटस’ का हिस्सा करार दिया।
राकांपा प्रवक्ता महेश तापसे ने आज यहां अपने बयान में कहा कि सभी नेता, जिला अध्यक्ष और कार्यकर्ता गठन पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि शपथग्रहण समारोह को पार्टी का आधिकारिक तौर पर समर्थन नहीं है। यह ‘ऑपरेशन लोटस’ का हिस्सा है। नेताओं ने व्यक्तिगत तौर पर शपथ ली है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की राजनीति में यह घटनाक्रम तब सामने आया जब अजित पवार को पार्टी में किनारे कर दिया गया और राकांपा सुप्रीमो की पुत्री सुप्रिया सुले को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।
महाराष्ट्र को भाजपा के चंगुल से मुक्त कराने के प्रयास तेज करेंगे
महाराष्ट्र में रविवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार और कई अन्य नेताओं लोगों के क्रमश: उपमुख्यमंत्री और मंत्री पद की शपथ लेने पर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की और कहा कि वह राज्य को भाजपा के चंगुल से मुक्त कराने के अपने प्रयासों को तेज करेगी।
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए अपन ट्वीट में कहा कि स्पष्ट रूप से भाजपा की ‘वॉशिंग मशीन’ ने अपना काम फिर से शुरू कर दिया है। गंभीर भ्रष्टाचार के मामलों में ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग की कार्रवाइयों का सामना कर रहे लोगों को क्लीन चिट मिल गई और वे सभी आज महाराष्ट्र में भाजपा नीत गठबंधन में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महाराष्ट्र को भाजपा के चंगुल से मुक्त कराने के लिए अपने प्रयास तेज करेगी।