मुंबई। महाराष्ट्र में हुए अचानक राजनीतिक घटनाक्रम में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता एवं पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार रविवार को राकांपा को विभाजित कर पार्टी के आठ अन्य विधायकों के साथ राज्य के एनडीए मंत्रिमंडल में शामिल हो गए।
वर्ष 2019 के बाद से यह दूसरी बार है जब 63 वर्षीय अजित पवार राज्य की एनडीए सरकार में शामिल हुए हैं, इससे पहले वह 2019 में दो दिनों के लिए उपमुख्यमंत्री बनने के बाद राकांपा में वापस लौट गए थे।
लंबे समय तक महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता रहे अजित पवार ने रविवार को देवेंद्र फडनवीस के अलावा दूसरे उपमुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला। उन्हें राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल की उपस्थिति में यहां राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस ने शपथ दिलाया। पटेल ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ नहीं ली और अटकलें हैं कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
शपथ ग्रहण करने के बाद पवार ने मीडियाकर्मियों से कहा कि राकांपा के कुछ अन्य विधायकों को जल्द ही शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा और कहा कि उन्होंने देश के विकास और महाराष्ट्र के लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए यह निर्णय लिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की।
तत्कालीन मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर सत्तारूढ़ शिवसेना में इसी तरह का विभाजन कर एक वर्ष पहले खुद मुख्यमंत्री बने शिंदे ने दावा किया कि राकांपा के 54 में से 35 विधायक श्री पवार के साथ राजभवन में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर नए उपमुख्यमंत्री को राकांपा के 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
अजित पवार के बाद छगन भुजबल, दिलीप पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल सहित आठ रांकपा विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। भुजबल राज्य में एक प्रमुख ओबीसी नेता हैं। अजित पवार की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि उन्होंने हमेशा विकास की राजनीति की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उनकी डबल इंजन सरकार- भाजपा और शिवसेना (शिंदे) के पास विकास के लिए ट्रिपल इंजन है।
शिंदे ने कहा कि पवार के शामिल होने से राज्य सरकार को और मजबूती मिलेगी जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य के विकास के लिए पहले से ही काम कर रही है। दूसरी ओर, महाराष्ट्र राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने इसे भाजपा के ‘ऑपरेशन लोटस’ का हिस्सा बताया।
तापसे ने एक बयान में कहा कि सभी नेता, कार्यकर्ता, जिला अध्यक्ष और संगठन सदस्य शरद पवार के साथ हैं। पिछले कुछ महीनों से राज्य के राजनीतिक गलियारों में अजित पवार के पार्टी छोड़ने की अटकलें लगायी जा रही थी।
ऐसा माना जा रहा है कि अजित पवार पार्टी में खुद को दरकिनार किए जाने से नाखुश थे क्योंकि पार्टी प्रमुख शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले और वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया था।
हाल ही में, अजित पवार विपक्ष के नेता का पद छोड़ना चाहते थे और संगठनात्मक जिम्मेदारी की मांग कर रहे थे लेकिन पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उन्हें दो महीने तक इंतजार करने के लिए कहा था।