भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा में विशिष्ट न्यायाधीश (एनडीपीएस प्रकरण) ने अफीम डोडा-चूरा तस्करी के आरोपित रतन लाल धाकड़ को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
विशिष्ट लोक अभियोजक कैलाशचंद्र चौधरी ने बताया कि 30 जुलाई 2017 को तत्कालीन बीगोद थाना प्रभारी महावीर प्रसाद मीणा थाने से गश्त के लिए रवाना हुए। बरुंदनी में थाना प्रभारी ने जाब्ते के साथ नाकाबंदी की। इस दौरान भिचौर की ओर से एक बाइक आई, जिस पर दो व्यक्ति सवार थे। पुलिस की नाकाबंदी देखकर बाइक सवार बाइक को वापस घूमाने लगे।
पुलिस जाब्ते ने दोनों को रोका। बाइक के पीछे कट्टा बंधा था। नाम पता पूछने पर बाइक चालक ने खुद को हरीपुरा, बेगूं निवासी रंगलाल पुत्र हजारी धाकड़ व पीछे बैठे व्यक्ति ने रतन लाल धाकड़ निवासी काकाजी का अनोपपुरा, बेगूं बताया। दोनों के कब्जे से 17 किलो डोडा-चूरा जब्त किया।
पुलिस ने दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कोर्ट में चार्जशीट पेश की। न्यायालय ने सुनवाई पूरी करते हुये आरोपित रतन लाल को 3 साल के कठोर कारावास एवं तीस हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया।
एनडीपीएस मामले में नहीं फंसाने की एवज में मांगे 10000 रूपए
भीलवाड़ा शहर कोतवाली थानाधिकारी एवं कांस्टेबल द्वारा एनडीपीएस मामले में न फंसाने की एवज में 10 हजार रुपए मांगने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मुकदमा दर्ज किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुराने शहर में रहने वाले एक व्यक्ति को कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल शंकर लाल और कांस्टेबल प्रदीप ओझा 12 अप्रैल को पकड़ कर लाए और उसे कहा कि गांजे के एक मामले में गिरफ्तार करना है। उसे डराया धमकाया और गिरफ्तार नहीं करने की एवज में पहले 50 हजार मांगे और फिर 10 हजार में सौदा तय हुआ।
इस बात की शिकायत परिवादी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में की थी। उसे झूंठे मुकदमें में फंसाने के नाम पर दोनों पुलिसकर्मी मांग कर रहे हैं। इस पर एसीबी ने जाल बिछाया लेकिन पुलिसकर्मियों को भनक लग जाने से उस समय रुपए नहीं लिए।
इस पर एसीबी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए परिवादी की रिपोर्ट मुकदमा दर्ज करने के लिए जयपुर भिजवा दी। गत दिनों ब्यूरो ने मामले की जांच पड़ताल कर मुकदमा दर्ज कर लिया। उधर, ब्यूरो द्वारा दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधू ने एक आदेश जारी कर निलम्बित कर दिया है।