नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उसने दिव्यांग भूतपूर्वसैनिकों की पेंशन से संबंधित जो मामले वर्ष 2019 में वापस ले लिए थे उनके बारे में दोबारा कोई अपील दायर नहीं की है।
मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी करके कहा कि मीडिया में इस संबंध में आ रही रिपोर्ट भ्रामक तथा तथ्यात्मक रूप से गलत है। रक्षा मंत्रालय सरकार की नीति के अनुरूप अदालतों तथा न्यायाधिकरणों के आदेशों को मानता है। मंत्रालय ने इस संबंध में न्यायाधिकरणों के आदेशों पर अमल भी किया है।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप केवल उन्हीं मामलों में अपील दायर की गयी है जिनमें मेडिकल बोर्ड ने कहा है कि सैनिकों को यह चोट सेना में रहते हुए नहीं लगी है। इसके बारे में पहले सरकार के वरिष्ठ विधि अधिकारियों से सलाह ली गई है।
मंत्रालय ने कहा है कि वह सेना में रहते हुए सैनिकों को चोट लगने या उनके दिव्यांग होने के मामलों पर पूरी तरह संवेदनशील है और वह हमेशा अपने बहादुर सैनिकों के साथ खड़ा रहता है। मंत्रालय सरकार की नीतियों के अनुरूप इन सैनिकों की हर संभव मदद की कोशिश करता है।