जयपुर। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पीआईएल दाखिल होने के बाद डर के मारे अब अपने बयान से पलट रहे हैं।
शेखावत ने गहलोत के अपने बयान पर सफाई देने के बाद सोशल मीडिया पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि गहलोत जी निजी राय क्या होती है। न्यायपालिका पर गंभीर आरोप लगा देने के बाद आपने कह दिया यह आपकी निजी राय नहीं है, तो यह किसकी राय है। किसने आपको बताया कि वकील फैसला लिखकर ले जाते हैं और जज वही सुना देते हैं।
उन्होंने कहा कि पीआईएल दाखिल होने के बाद डर के मारे आज आप बयान से पलट रहे हैं जबकि सच यही है कि यह आपकी निजी राय है। आपने जनता और न्यायपालिका के बीच विश्वास के रिश्ते को तोड़ने का दांव खेला है।
शेखावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि आप शातिर राजनीतिक खिलाड़ी हैं, जानबूझकर आपने एक विवाद पैदा करने की कोशिश की है, जिसके पीछे कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति और जमानत पर चल रहे हुए आकाओं का अपरोक्ष बचाव है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को गहलोत ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा था कि अदालतों में इतना भ्रष्टाचार है कि कोर्ट के फैसले वकील लिखकर लाते हैं और वही सुना दिए जाते हैं। हालांकि गहलोत ने गुरुवार को इस पर सफाई देते हुए कहा कि यह उनकी निजी राय नहीं है। गहलोत के न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के बयान को लेकर एक पीआईएल भी दायर की गई हैं।
न्यायपालिका में भ्रष्टाचार वाले बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यू टर्न