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BJP's hand in creating hurdles in the relief of people of Mount Abu, Congress will send proposal - Sabguru News
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माउंट आबू के लोगों की राहत में अड़ंगा डालने में भाजपा का हाथ, कांग्रेस भेजेगी प्रस्ताव

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माउंट आबू के लोगों की राहत में अड़ंगा डालने में भाजपा का हाथ, कांग्रेस भेजेगी प्रस्ताव
माउंट आबू के लोगों की राहत में अड़ंगा डालने में भाजपा का हाथ, कांग्रेस भेजेगी प्रस्ताव
माउंट आबू के लोगों की राहत में अड़ंगा डालने में भाजपा का हाथ, कांग्रेस भेजेगी प्रस्ताव

माउंट आबू। सिरोही जिले के माउंट आबू में मोनिटरिंग कमेटी के काम में अड़ंगा डालने वाली संघर्ष समिति में भाजपा के लोग हैं और ये ही लोग माउंट आबू के आम लोगों के काम में अड़ंगा डालने का काम कर रहे हैं ऐसा प्रस्ताव नगर मंडल कांग्रेस कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजेगी।

आगामी विधानसभा चुनावों में पिंडवाड़ा आबू विधानसभा में कांग्रेस की जीत की रणनीति बनाने के लिए रघुनाथ मंदिर में नगर मंडल कांग्रेस की बैठक हुई। कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियो ने इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने और इन योजनाओं के प्रति जागरूक करके अशोक गहलोत सरकार को फिर से लाने के लिए लोगों से सम्पर्क करने का आव्हान किया। इसमें तालीम बानो ने अब संघर्ष समिति को भाजपा के द्वारा हाइजेक करके स्वयं और रईसों के काम करवाने का आरोप लगाया गया। उन्होंने आबू के लोगों को इनसे सचेत रहने का कहा।

नारायणसिंह भाटी ने सबगुरु न्यूज को बताया कि तस्लीमा बानो के द्वारा रखी गई बात को नगर मंडल बैठक के प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा को भेजा जाएगा।

तकलीफ में रहे नदारद, विधायक बनने पहुंचे

संघर्ष समिति के नाम पर माउंट आबू के बड़े होटल वालों की पैरोकारी के आरोप से घिरे संघर्ष समिति के स्थानीय भाजपा नेताओं ने ही मॉनिटरिंग कमिटी को भंग करके माउंट आबू के लोगों को मिलने वाले लाभ से वंचित रखने की साजिश की। वहीं माउंट आबू से वोट बटोरकर ले जाने वाले स्थानीय एमएलए समाराम गरासिया ने भी इनकी हरकतों को मौन समर्थन दिया। यही नहीं पिछले साढ़े चार सालों में उन्होंने माउंट आबू के लोगों को जनक हाल पर छोड़कर उनके वोट से मिलने वाले लाभों के भरपूर आनंद उठाया।

सांसद ने तो पहले ही अपना स्टैंड साफ कर दिया था कि उनके कार्यकर्ता भी वहां अवैध निर्माण करते हैं इसलिए माउंट आबू के लोगों को उनसे वैसे भी कोई अपेक्षा नहीं रखनी थी। लालाराम गरासिया यहां से कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी हैं। ऐसे में कांग्रेस की सरकार में उनका स्थान सिटिंग एमएलए जैसा ही है, इसके बावजूद उन्होंने माउंट आबू में संघर्ष समिति के भाजपा के नेताओं के प्रभाव में आकर काम करने वाले अधिकारियों के संदर्भ में कुछ नहीं किया। चुनाव पास आये तो एमएलए बनने की लालसा में कांग्रेस के कई नेता माउंट आबू की बैठक में पहुंचे।

गंगाबेन गरासिया, निम्बाराम गरासिया, ललिता गरासिया पिछले 4 सालों में माउंट आबू के लोगों की आवाज राज्य सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से नहीं उठाई। संयम लोढ़ा और रतन देवसी ने ये काम किया। समाराम गरासिया ने तो अदभुत काम किया। संघर्ष समिति  को हाइजेक करके उसका दुरुपयोग माउंट आबू के सामान्य लोगों की बजाय कथित रूप से बड़े होटल वालों की पैरवी के लिए करने वाले स्थानीय भाजपा नेताओं ने उनका इस्तेमाल भी पारिवारिक लड़ाई के मुद्दे विधानसभा में उठवाने के लिए किया न कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा माउंट आबू की राहत को अटकाने के लिए।

रंग लाया सबगुरु न्यूज का प्रयास

सबगुरु न्यूज के द्वारा पिछले तीन दिनों में लगातार माउंट आबू के लोगों की समस्याओं को उठाने के बाद अंततः कलेक्टर ने सिरोही में ही फिर से मोनिटरिंग कमिटी की बैठक आयोजित की। इसमें बड़े सौहार्दपूर्ण माहौल में चर्चा हुई। सबगुरु न्यूज के द्वारा मॉनिटरिंग कमिटी के कानूनी महत्व को उठाया गया था। ऐसे में बैठक में भी माउंट आबू के लोगों को गुरुवार से उसकी बैठकों में लिए गए जनहितकारी निर्णयों को एक एक करके अमली जामा पहनाने पर सहमति बनी।

इस बैठक के बाद माउंट आबू के लोगों को छोटी-मोटी मरम्मत के लिए ऊपर ही सीमेंट मिलने का मार्ग खुल सकेगा और उन्हें आबूरोड से महंगे सीमेंट नहीं लाना पड़ेगा। मोनिटरिंग कमिटी के सही से काम करने पर माउंट आबू के कानून के दायरे में रहकर जीवन जीने के इच्छुक लोगों को सम्मान पूर्वक निर्माण सामग्री मिल सकेगी। चुपके से तस्करों की तरह एक बोरी सीमेंट के लिए अपने आत्मसम्मान का मर्दन नहीं करना पड़ेगा।

कथित रूप से इस सम्मान से रईसों की पैरोकार होने के आरोप से घिरी स्वयंभू संघर्ष समिति के कथित भाजपा नेता मोनिटरिंग कमिटी को भंग करने की मांग करके माउंट आबू के लोगों को वंचित रखना चाहते थे। मोनिटरिंग कमिटी के अध्यक्ष और सदस्यों की हिम्मत तथा जिला कलेक्टर के हस्तक्षेप से माउंट आबू के लोगों का सम्मान फिर से लौटने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।