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राजस्थान में संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं बेमिसाल : अशोक गहलोत - Sabguru News
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राजस्थान में संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं बेमिसाल : अशोक गहलोत

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राजस्थान में संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं बेमिसाल : अशोक गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को प्रदेश में ग्रामीण इंदिरा रसोईयों का शुभारंभ किया और राज्य में संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं को बेमिसाल बताते हुए कहा है कि शहरों में सार्वजनिक, धार्मिक, व्यवसायिक स्थलों एवं कच्ची बस्तियों के आस-पास इंदिरा रसोई खुलने से मजदूरों, विद्यार्थियों, कामकाजी लोगों को मात्र आठ रुपये में पौष्टिक भोजन मिल रहा है।

अशोक गहलोत रविवार को टोंक जिले के निवाई में इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण) के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ‘कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प को चरितार्थ करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इसी क्रम में इंदिरा रसोईयों का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में इंदिरा रसोई खुलने से आमजन को भरपेट एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन सुलभ हो पाएगा।

मुख्यमंत्री कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देशहित में अपना प्राणोत्सर्ग किया लेकिन विघटनकारी शक्तियों को सफल नहीं होने दिया। उनके नाम से लाई गई इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण) के तहत आज पूरे प्रदेश में 400 ग्रामीण इंदिरा रसोईयों का शुभारंभ किया गया है। 25 सितम्बर तक इनकी संख्या बढ़ाकर 1000 कर दी जाएगी। प्रदेश सरकार बजट घोषणाओं का त्वरित क्रियान्वयन कर आमजन को राहत दे रही है। उसकी योजनाओं को आधार बनाकर अन्य राज्यों में नीति-निर्माण का कार्य किया जा रहा है।

गहलोत ने कहा कि वर्ष 2030 तक प्रदेश का योजनाबद्ध विकास सुनिश्चित करने के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। मिशन-2030 के तहत तैयार हो रहे विजन डॉक्यूमेंट के लिए 50 लाख से अधिक प्रदेशवासी अपने सुझाव दे चुके हैं। उन्होंने आमजन से ऑनलाइन एवं अन्य माध्यमों से अधिक से अधिक सुझाव देने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। महंगाई राहत शिविरों के माध्यम से दी गई 10 गारंटियों से महंगाई की मार से जनता को राहत मिली है। किसानों के लिए अलग बजट, ओपीएस, राइट टू हैल्थ, राइट टू मिनीमम इनकम गारंटी, एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन, लम्पी रोग में मृत पशुओं के लिए 40 हजार रुपए की सहायता जैसे निर्णयों की पूरे देश में सराहना एवं अनुसरण हो रहा है।

उन्होंने कहा कि पहले जहां प्रदेश की एक अकाल एवं अभावग्रस्त राज्य के रूप में पहचान थी, वहीं आज परिस्थितियां बदली हैं। शिक्षा एवं स्वास्थ्य सहित विभिन्न मापदंडों पर राजस्थान आज देश में प्रथम स्थान पर है। उत्तर भारत में राजस्थान सबसे अधिक आर्थिक विकास दर वाला राज्य है। गत चार सालों में प्रदेश की जीडीपी छह लाख करोड़ रूपए बढ़ी है। वर्ष 2030 तक प्रदेश की जीडीपी को 30 लाख करोड़ तक लेकर जाना हमारा ध्येय है।

गहलोत ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में तानाशाही रवैया उचित नहीं है। केन्द्रीय जांच एजेंसियों को निष्पक्ष रूप से कार्य करना चाहिए। वर्तमान केन्द्र सरकार को पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, सूचना एवं रोजगार के अधिकारों की तर्ज पर सामाजिक सुरक्षा का अधिकार कानून बनाकर आमजन को देना चाहिए। साथ ही प्रदेश के 13 जिलों में पेयजल एवं सिंचाई जल आपूर्ति हेतु महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को केन्द्रीय परियोजना का दर्जा भी देना चाहिए।

इस अवसर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, कैबिनेट मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, लालचंद कटारिया, डॉ. महेश जोशी, रमेश चंद मीणा, भजनलाल जाटव, गोविंद राम मेघवाल, शकुंतला रावत, शाले मोहम्मद, राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पूर्व चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यख गोविन्द सिंह डोटासरा, राज्य में कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, राजस्थान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती, विधायक बाबूलाल नागर, रफीक खान, हरीश मीणा, इंद्रा मीणा आदि मौजूद थे।