विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत ने रविवार को कौशल विकास घोटाला मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
एसीबी कोर्ट के न्यायाधीश बीएसवी हिमाबिंदु ने नायडू के अधिवक्ताओं और आंध्र प्रदेश अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के सहायक महाधिवक्ता की दलीलें सुनीं। सुबह से शाम छह बजे तक बहस चलती रही। पूर्व मुख्यमंत्री को बाद में न्यायाधीश ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस तेदेपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को राजमुंदरी सेंट्रल जेल ले जा सकती है। एहतियात के तौर पर पुलिस ने पूरे राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। गौरतलब है कि यह पहली बार है जब नायडू अपने 45 साल के राजनीतिक करियर में भ्रष्टाचार के मामले का सामना कर रहे हैं। इससे पूर्व शनिवार को आंध्र प्रदेश सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक एन संजय ने कहा है कि नायडू करोड़ों रुपए के कौशल विकास घोटाले में आरोपी नंबर एक हैं।
संजय ने कहा कि राज्य भर में 3000 करोड़ रुपए की लागत से छह उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए सीमेंस कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता केंद्रों के लिए 58 करोड़ रुपए की लागत से सॉफ्टवेयर खरीदा गया। उन्होंने कहा कि हालांकि आवश्यक सॉफ्टवेयर 58 करोड़ रुपए की लागत से खरीदा गया था, बाद में इसमें कई गुना बढ़ोतरी की गई जिसमें भारी धनराशि की हेराफेरी की गई।
सीआईडी प्रमुख ने कहा कि नायडू के नेतृत्व वाली तेदेपा सरकार ने वित्त विभाग की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए डिजाइनटेक कंपनी को उसके हिस्से के रूप में 371 करोड़ रुपए जारी किए थे। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने भी इस परियोजना को मंजूरी नहीं दी थी।