जिनेवा। हममें से ज्यादातर लोगों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि कोई आकाशीय बिजली 709 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है या करीब 17 सेकेंड तक रह सकती है, लेकिन अब आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि हो चुकी है।
विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) की एक समिति ने ब्राजील में अक्टूबर 2018 में गिरी बिजली को दुनिया की सबसे लंबी क्षैतिज दूरी तय करने वाली आकाशीय बिजली और पिछले साल मार्च में अर्जेंटीना में गिरी बिजली को सबसे लंबे समय तक रहने वाली बिजली के रूप में अपने रिकॉर्ड में शामिल कर लिया है। दोनों मामलों में पिछले रिकॉर्ड इनके आधे भी नहीं थे।
अंतरराष्ट्रीय आकाशीय बिजली सुरक्षा दिवस (28 जून) से पूर्व अमरीकी भू-भौतिकी संघ के ‘जिओफिजिकल रिसर्च लेटर’ में ये दोनों रिकॉर्ड प्रकाशित किये गये थे। इसके बाद डब्ल्यूएमओ की समिति ने उपग्रहों से प्राप्त तस्वीरों के आधार पर इन दावों की जांच की और दोनों रिकॉर्डों को आधिकारिक मान्यता देने का फैसला किया है।
डब्ल्यूएमओ ने एक बयान में कहा कि वैश्विक तथा क्षेत्रीय स्तरों पर चरम गतिविधियों के रिकॉर्ड रखने वाली डब्ल्यूएमओ की समिति ने पाया है कि दक्षिणी ब्राजील में 31 अक्टूबर 2018 को गिरी एक ही आकाशीय बिजली ने 709 किलोमीटर की क्षैतिज दूरी तय की थी। यह अमेरिका में बोस्टन से वाशिंगटन डीसी या यूरोप में लंदन से स्विटजरलैंड की बसल स्थित सीमा तक जाने जैसा है।
इसका पिछला रिकॉर्ड अमरीका के ओकाहोमा में 20 जून 2007 को गिरी बिजली का था जिसने 321 किलोमीटर की दूरी तय की थी। दोनों को मापने के लिए एक ही तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
डब्ल्यूएमओ ने उत्तरी अर्जेंटीना में 04 मार्च 2019 को गिरी बिजली को सबसे लंबे समय तक रहने वाली आकाशीय बिजली के रूप में स्वीकार किया है। यह 16.73 सेकेंड तक रही थी। इसका पिछला रिकॉर्ड 7.74 सेकेंड का था जो फ्रांस के प्रोवोस-ऐल्प-कोट-डी अजूर में 30 अगस्त 2012 को गिरी बिजली ने बनाया था।
डब्ल्यूएमओ के मौसम एवं जलवायु से जुड़ी चरम घटनाओं की समिति के प्रोफेसर रैंडल कर्वेनी ने कहा कि अकेली आकाशीय बिजली के ये असाधारण रिकॉर्ड हैं। पर्यावरण से जुड़ी अद्भुत घटनाएं ये दिखाती हैं कि प्रकृति क्या कर सकती है। साथ ही यह उन घटनाओं को मापने में वैज्ञानिक प्रगति को भी दर्शाती है। यह संभव है कि इनसे भी ज्यादा बड़ी घटनाएं अब भी मौजूद हों और भविष्य में आकाशीय बिजली को मापने की प्रौद्योगिकी में सुधार के साथ हम उन्हें देखने में सक्षम होंगे।
आकाशीय बिजली से हर वर्ष कई लोग अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं। एक अकेली बिजली के सीधे चपेट में आकर मरने वालों की सबसे अधिक संख्या 21 है। यह बिजली जिम्बाब्वे में 1975 में एक झोपड़ी पर गिरी थी जिसमें 21 लोग मारे गये थे। बिजली से बचने के लिए उन लोगों ने झोपड़ी में शरण ली हुई थी।
बिजली गिरने के परोक्ष परिणाम स्वरूप सबसे अधिक 469 लोग मिस्र में 1994 में मारे गए थे। तेल के टैंकरों पर बिजली गिरने से तेल में आग लग गई और जलता हुआ तेल शहर में फैल गया। इसकी चपेट में आकर इन लोगों की मौत हो गई।