सबगुरु न्यूज-सिरोही। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सिरोही विधानसभा क्षेत्र में रविवार का दिन आगामी विधानसभा चुनावों की आधिकारिक शुरूआत का दिन कहा जाए तो अतिशयोक्ति नही होगी। पढ़े-लिखे 32 साल के युवक ने समाजसेवा के माध्यम से राजनीति में कदम रखने की घोषणा करते हुए आगामी विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चनाव लड़ने की घोषणा की है।
जातिवादी राजनीति में विश्वास नहीं रखने वाले इस युवा तेजराज सोलंगी की दावेदारी जाति के आधार पर अपनी दावेदारी पेश करने वाले सिरोही सभापति ताराराम माली के लिए भाजपा में मुश्किलें पैदा करने वाली बताई जा रही है। शिक्षा, सफलता, बात करने के प्रभावशाली तरीके से तेजाराम सोलंकी माली समाज से एक सबसे काबिल उम्मीदवार के रूप में सामने आए हैं। वैसे तेजाराम खुदको हर तुलना और प्रतिद्वंद्वता से अलग रखने के प्रबल पक्षधर हैं।
सिरोही में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सोलंकी ने कलाम को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि वे जातिवाद के आधार पर नहीं बल्कि सिरोही के लिए देखे गए अपने सपने के आधार पर चुनाव लड़ने को आए हैं। सोलंकी ने कहा कि उन्हें हर जाति का समर्थन हासिल है। चैन्नई के क्रिश्चियन काॅलेज से अपनी शिक्षा पूर्ण करने वाले सोलंकी का दावा है कि सिरोही के लोग एक चेहरा 25 साल से और एक चेहरा 15 साल से देखते हुए परेशान हो गए हैं। यदि नया और अच्छा व्यक्ति चुनाव में उतरेगा तो वह उसमें अपना विश्वास दिखाएंगे।
किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ने के कयास और चुनाव से पूर्व अपनी दावेदारी वापस लिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह इस मिथक को तोड़ना चाहते हैं कि व्यक्ति और उसका काम बड़ा होता है राजनीतिक पार्टियां नहीं इसलिए वह निर्दलीय चुनाव लडेंगे, इतना ही नहीं चुनाव में वह आवेदन भी भरेंगे और अपने विजन को लोगों के बीच में रखकर मत हासिल करने का प्रयास भी करेंगे।
उन्होने स्वयं को कांग्रेस और भाजपा से इतर तीसरे मोर्चे के रूप में स्वयं को सिरोही विधानसभा चुनावों में प्रतिस्थापित करने का दावा किया। युवा जुनून से लबरेज सोलंकी ने कहा कि राजनीतिक के प्रति उनका झुकाव तब हुआ जब उन्होंने अपने गांव बालदा वेलांगरी के 220 बच्चों को दो किलोमीटर दूर स्थित विद्यालय में पैदल जाते हुए देखा।
इसके बाद उन्होंने काॅरपोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी के तहत गांव के सभी 220 बच्चों को स्कूल जाने के लिए साइकिलें दिलवाई। उन्होंने कहा इसके बाद उन्होंने सिरोही विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों में समाज सेवा के माध्यम से लोगों से जुडाव किया। लोगों ने उन्हें प्रेरित किया कि वह चुनाव लड़ें और उनकी समस्याओं को दूर करें।
सोलंकी ने दावा किया कि परिणाम चाहें जो हो वह समाज सेवा का कार्य जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वह एनजीओ की गठन करेंगे जो जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वरोजगार के क्षेत्र में काम करेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतकर उनका काम अपनी जेब भरने की बजाय लोगों की समस्याओं का निराकरण करना होगा।
उन्होंने कहा कि उनके यह आदर्श चुनाव जीतने के बाद भी यथावत रहेंगे। उन्होंने कहा कि बेहतर राजनेता को मेहनती, ईमानदारी और जेब से मजबूत होना चाहिए तथा उनमें यह सब है।
-बनाएंगे अपना मेनीफेस्टो
सोलंकी ने दावा किया कि वह अपना मेनिफेस्टो बनाएंगे। इसमें समयबद्ध तरीके से जो-जो काम किए जाएंगे उनका विवरण दिया जाएगा। उन्होने कहा यही नहीं वह अपना रिपोर्ट कार्ड भी हर महीने जनता के बीच रखेंगे ताकि जनता आकलन कर सके कि वह सही कार्य कर रहे हैं या नहीं।
-नेतृत्व भ्रष्ट होने पर फैलता है भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार पर अपनी राय रखते हुए उन्होने कहा कि नेतृत्व भ्रष्ट होने पर ही भ्रष्टाचार पनपता है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व के ईमानदार होने और जनहितैषी होने पर भ्रष्टाचार फैलने की कोई सूरत नहीं है। दूसरों के पैसे पर अपनी बुुरी नजर डालने वालों के प्रति अपनी घृणा से भी सोलंकी ने अवगत करवाया।
-लोढा के बाद सम्भवत सबसे पढ़े लिखे उम्मीदवार
सोलंकी फिलहाल सिरोही विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी पेश करने वाले कांग्रेस, भाजपा और निर्दलीय प्रत्यशियों में कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा के बाद सबसे ज्यादा पढ़े लिखे होंगे। बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नतक और साॅफ्टवेयर में डिप्लोमा होल्डर सोलंकी पांच साल तक मारूति सुजुकी के दक्षिण भारत के काॅरपोरेट मार्केटिंग हेड के रूप में काम कर चुके हैं। इसके बाद अपना व्यवसाय स्थापित कर एक मुकाम हासिल किया है। अपने दम पर व्यवसाय में मुकाम हासिल करने वाले सोलंकी ने इसलिए बात नहीं अब काम होगा स्लोगन दिया है।
देखे.. विडियो…