
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नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ की स्थापना करेगा।
इस आशय के करार पर आईआईटी और इसरो ने शनिवार को यहां आईआईटी के 50वें दीक्षांत समारोह पर हस्ताक्षर किये। इसरो के अध्यक्ष डॉ. शिवन ने पीएचडी के 331 छात्रों समेत कुल 1217 छात्रों को समारोह में डिग्रियां प्रदान की।
आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने बताया कि आईआईटी ने इसरो के साथ एक करार पर हस्ताक्षर कर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोध कार्यों में बढ़ावा देने का फैसला किया है और इसरो के साथ मिलकर काम करने से अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम और रोशन होगा और इससे दोनों संस्थाओं को फायदा होगा।
उन्होंने बताया कि आईआईटी ने विभिन्न विषयों में अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और राष्ट्रीय प्रतिरक्षा संस्थान के अलावा सीएसआईआर की पांच प्रयोगशालाओं के साथ करार किये हैं और 95 नई शोध परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने बताया कि 2014-16 में आईआईटी ने औसतन 100 करोड़ रुपये शोध कार्यों पर खर्च किये थे जो कि 2017 से 2019 तक चार गुना बढ़कर 380 करोड़ रुपये हो गये और हमें उम्मीद है कि अगले एक-दो वर्षों में प्रायोजित शाेध परियोजनाओं की फंडिंग 500 करोड़ से अधिक हो जाएगी।
इसरो के अध्यक्ष शिवन ने कहा कि मुझे हार्दिक खुशी है कि मैंने आईआईटी में इसरो के नये अंतरिक्ष प्रकोष्ठ की स्थापना के लिए करार पर हस्ताक्षर किये हैं। उन्होंने कहा कि करीब तीन दशक पहले उन्होंने आईआईटी मुंबई से शिक्षा ग्रहण की थी और तब नौकरी की संभावनाएं आज की तरह उतनी व्यापक नहीं थी और करियर में विशेषज्ञता के क्षेत्र में कम थे। लेकिन आज नये क्षेत्र खुले हैं और आज आपको अपने दृष्टिकोण में व्यावहारिक होने की जरुरत है और पुरानी पीढ़ी से सीखने की जरुरत है।
समारोह में परफैक्ट-10 स्वर्ण पदक चार छात्रों को दिया गया जबकि रजत पदक 14 छात्रों को दिया। कंप्यूटर साइंस(बीटेक) की छात्रा काचाम प्रानीथ को राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक , मल्लिका सिंह, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और बायोटेक्नोलाजी (बीटेक) को निदेशक का स्वर्ण पदक तथा हिमाक्शी बारसीवाल, एमटेक , केमिकल इंजीनियरिंग को डा़ॅ शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक दिया गया।
प्रशिक्षण एवं शोध के क्षेत्र उल्लेखनीय योगदान के लिए वाटरलू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर श्रीनिवासन केशव , उद्यमिता के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए के लिए कोहेसिटी कंपनी के संस्थापक डा़ मोहित अरोन और व्यापार में क्षेत्र में नए कीर्तिमान बनाने वाले फ्लीपकार्ट के सह संस्थापक बिन्नी बंसल को दीक्षांत समारोह में ‘विशिष्ट अलम्नाई’ के अवार्ड से सम्मानित किया गया।