

नई दिल्ली। लॉकडाउन की अवधि के वेतन में कोई कटौती न करने के केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली एक और याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की गयी है।
ग्यारह मध्यम, लघु एवं अति सूक्ष्म उपक्रमों (एमएसएमई) ने यह याचिका शीर्ष अदालत में दायर की है, जिसमें कहा गया है कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 14 और 19(1) का उल्लंघन करती है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि प्राइवेट कंपनियों को अपने कर्मचारियों को 70 फीसदी वेतन देने की छूट दी जाये।
याचिकाकर्ताओं के मुताबिक यह पैसा सरकार को कर्मचारी राज्य बीमा निगम या पीएम केयर्स फंड से देना चाहिए चाहिए। याचिका में यह भी कहा गया है कि सरकार को प्राइवेट कंपनियों पर किसी भी तरह का वित्तीय भार लादने का अधिकार नहीं है और इसके लिए वह आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 का सहारा नहीं ले सकती।
गौरतलब है कि गत 20 मार्च को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से परामर्श जारी कर लॉकडाउन के दौरान निजी क्षेत्र की कंपनियों (नियोक्ताओं) को अपने कर्मचारियों को काम से नहीं निकालने और लॉकडाउन के दौरान पूरा वेतन देने के निर्देश दिये थे। इसके बाद गृह मंत्रालय ने करीब एक महीना पहले यानी 29 मार्च को इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी की थी।