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A teenager lost his life due to current in sindrath, tomorrow there will be gathering at Khetla ji temple - Sabguru News
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सिंदरथ में करंट से गई जान, कल होगा खेतला जी मंदिर पर एकत्रीकरण

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सिंदरथ में करंट से गई जान, कल होगा खेतला जी मंदिर पर एकत्रीकरण
सिरोही में चिकित्सालय की मोर्चरी के बाहर एकत्रित मृतक के परिजन।
सिरोही में चिकित्सालय की मोर्चरी के बाहर एकत्रित मृतक के परिजन।

सबगुरू न्यूज सिरोही। निकटवर्ती सिंदरथ के खेतलाजी मंदिर में मंगलवार को हुए हादसे में अब एक नया मोड़ आया। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध चिकित्सालय की मोर्चरी में देर शाम को हादसे में मृतकों के परिजन गजाराम ने मंदिर ट्रस्ट और डिस्कॉम के खिलाफ लापरवाही करने की रिपोर्ट सिरोही सदर पुलिस थाने के हेडकांस्टेबल श्यामा के सुपुर्द की।
इस बीच यहां एकत्रित लोगों ने उनकी मांगे माने जाने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं करने की बात भी पुलिस के सामने कही। इन लोगों की मांग है कि मृतक के परिजनों को बीस लाख रूपए, उसकी मां को सरकारी नौकरी और सभी घायलों को पांच-पांच लाख रूपए की सहायता राशि दी जाए। इधर यह निर्णय भी हुआ की बुधवार को सिंदरथ खेतलाजी पर एकत्र होंगे।
इस हादसे को लेकर अब दो मत सामने आ रहे हैं। ट्रस्ट के सदस्य और डिस्कॉम का प्रथम दृष्ट्या ये मानना है कि पहले बिजली गिरने से लाइंस डैमेज हुईं, इसके बाद लाइट आने से शॉर्ट सर्किट होने से आग भी लगी और करंट भी प्रवाहित हुआ। वहीं हादसे के पीड़ितों के करीबी इसे लापरवाही बता रहा है।
निकटवर्ती सिंदरथ गांव के खेतला जी मंदिर में खांभल गांव के गणेश देवासी के घर में बच्चे का मुंडन संस्कार था। इसके लिया गांव के कई सजातीय लोग एकत्रित हुए थे। इस दौरान प्रसाद चढ़ाने के दौरान वहां के दरवाजे में करंट फैलने से गांव के मानाराम पुत्र खंगाराराम देवासी, मोहन लाल पुत्र नरिंगा देवासी, प्रभाराम पुत्र मूलाजी देवासी, मनाराम पुत्र फताजी देवासी व लाडाराम पुत्र कालाजी देवासी को करंट का झटका लगा। इन्हे सिरोही चिकित्सालय लाया गया। यहां पर 15 वर्षीय मानाराम को मृत घोषित कर दिया गया। एक युवक की स्थिति गम्भीर होने से उसे रेफर किया गया है।
इस हादसे का बाद कई नेताओं का चिकित्सालय पहुंचने का दौर जारी रहा। सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने जिला चिकित्सालय में पीड़ितों से मिलने के बाद घटना स्थल का भी जायजा लिया। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष लुंबाराम चौधरी, उपाध्यक्ष नारायण देवासी और शाम को पूर्व पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी भी चिकित्सालय पहुंचे।
चिकित्सालय में पीड़ित लोगों के गांव खांभल के लोगों का एकत्रीकरण हुआ। मोर्चरी में सदर पुलिस थाने का जाब्ता तैनात रहा। इस दौरान इनके परिजनों की उपस्थिति में इन लोगों ने निर्णय किया कि मृतक के परिवार को 20 लाख रुपए का मुआवजा, मृतक की मां को सरकारी नौकरी और घायलों को पांच-पांच लाख देने के बाद मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। इधर देर शाम तक मृतक के परिजनों से रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण पुलिस तहरीर नहीं बना पाई। शाम को मृतक बच्चे के चाचा ने रिपोर्ट सौंपी। इन लोगों ने बुधवार को संसद गांव में खेतला जी ट्रस्ट के सामने एकत्रित करने का आह्वान भी किया।

अब हम बात करते हैं इस हादसे के तकनीकी पहलू पर क्या वाकई ऐसा हुआ होगा कि पहले बिजली गिरी हो उसमें मंदिर की सारी लाइनों को डैमेज किया हो और फिर लाइट आने पर शॉर्ट सर्किट इन हो गई हो प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है की इस वक्त हादसा हुआ उससे पहले बिजली गई हुई थी और उसी दौरान बिजली गिरने की जोरदार आवाज हुई।
इसके कुछ देर बाद लाइट आते ही शॉर्ट सर्किटिंग हो गई और मंदिर के दरवाजे और रेलिंग पर लिपटे तार में करंट प्रवाहित होने से रेलिंग से सटे लोगों मैं भी करंट प्रवाह हो गया। तो क्या ऐसा संभव है कि बिजली गिरने से घरेलू बिजली के तारों में क्षति हो जाए। इसे जानने के लिए हमें आकाशीय बिजली और घरेलू बिजली के बीच का अंतर समझना होगा।

आकाशीय बिजली की प्रवृत्ति जानने के लिए हमने यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के नेशनल वेदर सर्विस की वेबसाइट को खंगाला। इसमें आकाशीय बिजली की ताकत के बारे में दिया है। इसके अनुसार आकाशीय बिजली में 3000 लाख वोल्टेज और 30000 एंपियर का करंट होता है। वही सिंगल फेज घरेलू बिजली के लिए जो उपकरण और वायर लगाए जाते हैं उसकी क्षमता सिर्फ 120 वोल्ट और 15 एंपियर का वह करंट को प्रवाहित करने की होती है। इससे ज्यादा ताकतवर करंट के प्रवाह से ये क्षतिग्रस्त हो जाता है।

ऐसे में आकाशीय बिजली गिरने की स्थिति में किसी खुले तार में से मंदिर परिसर के वायरिंग के अंदर आकाशीय बिजली का प्रवेश करने से 3000 लाख वोल्टेज और 30 हजार एंपियर का करंट उसमें प्रवाहित होने से तारों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है की जब बिजली गिरने की आवाज आई उस समय लाइट गई हुई थी। तो ऐसा में ये भी संभव है कि आकाशीय बिजली मंदिर परिसर के बाहरी किनारे पर खुले किसी तार से मंदिर की वायरिंग में प्रवेश करके उसे क्षतिग्रस्त कर गई हो। जब डिस्कॉम की ओर से बिजली सप्लाई शुरू हुई, उस दौरान क्षतिग्रस्त वाहनों की वजह से शॉर्ट सर्किट इन से करंट और आग लगने की घटना हो गई हो। फिलहाल पुलिस रिपोर्ट के बाद ये जांच का विषय है।