नई दिल्ली। मंत्रिमंडल ने आधार एवं अन्य विधियां (संशोधन) अध्यादेश, 2019 का स्थान लेने वाले संशोधन विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी, जिसे संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि आधार एवं अन्य विधियां (संशोधन) विधेयक, 2019 संबंधित अध्यादेश का स्थान लेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गत दो मार्च को संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दी थी।
लोकसभा ने गत चार जनवरी को इससे संबंधित विधेयक पारित कर दिया था, लेकिन विधेयक राज्य सभा में पेश नहीं किया जा सका था। इसलिए सरकार को गत 28 फरवरी को अध्यादेश लाना पड़ा था, जिसे राष्ट्रपति ने दो मार्च को मंजूरी दी थी। संशोधन विधेयक संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा।
संशोधन विधेयक में आधार के दुरूपयोग को रोकने तथा लोगों की निजता को बनाए रखने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। अब किसी व्यक्ति की पहचान के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने गत वर्ष 26 सितम्बर को अपने फैसले में आधार कानून के कुछ प्रावधानों को निरस्त कर दिया था ताकि लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा की जा सके और उनकी निजता को बरकरार रखा जा सके। यह विधेयक इसी के मद्देनजर लाया गया है।