नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज राज्यसभा में कहा कि विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं बल्कि स्वैच्छिक तथा वैकल्पिक दस्तावेज है और इसके नहीं होने पर उपभोक्ता को किसी भी तरह की सेवा से वंचित नहीं किया जा सकता।
प्रसाद ने ‘आधार और अन्य विधियां (संशोधन) विधेयक 2019’ सोमवार को सदन में चर्चा के लिए पेश करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार आधार के आंकडों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जाता है और इससे लोगों का जीवन सरल बना है। यह विधेयक गत दो मार्च को लाए गए ‘आधार और अन्य विधियां (संशोधन) अध्यादेश 2019’ के स्थान पर लाया गया है।
इससे पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम, डी राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इलामारम करीम और कांग्रेस के डी सुब्बारामी रेड्डी ने आधार से संबंधित अध्यादेश के विरोध में सांविधिक संकल्प पेश किया। विश्वम ने कहा कि अध्यादेश लाना सरकार की प्रवृति बन गई है और यह लोकतांत्रिक प्रणाली के खिलाफ है। उन्होंने विधेयक को समीक्षा के लिए स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की।
प्रसाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी आधार को लेकर टिप्पणियां की हैं और सरकार उसी के अनुरूप कदम उठा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आधार को किसी भी सेवा के लिए अनिवार्य नहीं किया गया है। आधार पूरी तरह वैकल्पिक और स्वैच्छिक है। इसके लिए बैंक और दूरसंचार कंपनियों को उपभोक्ता से अनुमति लेनी होगी। यह आंकड़ा पूरी तरह सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि बैंक और दूरसंचार कंपनी आधार की पहचान और प्रमाणिकता के बाद उससे संबंधित आंकड़े को अपने पास नहीं रख सकती। यदि कोई ऐसा करता पकड़ा जाता है तो उस पर एक करोड़ रूपए के जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि बच्चे के वयस्क होने के बाद उसके पास यह विकल्प रहेगा कि वह आधार के इस्तेमाल के बारे में अपनी अनुमति दे या नहीं।
उन्होंने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी और अन्य रियायतों के लिए जहां भी आधार को अनिवार्य बनाया गया है वहां यह प्रावधान बकायता कानून बनाकर किया गया है। आधार की उपयोगिता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे अब तक सरकार ने विभिन्न योजनाओं में 1.14 लाख करोड़ रूपए की बचत की है।
देश की एक अरब 30 करोड़ आबादी में से 1 अरब 23 करोड़ के पास आधार होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश आधार के साथ चल पड़ा है क्योंकि इससे लोगों का जीवन सरल हुआ है। उन्होंने कहा कि लगभग 70 करोड़ उपभोक्ताओं ने अपने आधार को मोबाइल से जोड़ा है और 65 करोड ने बैंक खातों से जोड़ा है।