चंडीगढ़ । आम आदमी पार्टी (वार्ता) की पंजाब इकाई ने आज लोकसभा चुनावों के लिये अपने पांच उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। डा0 बुधराम की अध्यक्षता में आज यहां पार्टी की कोर कमेटी की बैठक हुई जिसमें कमेटी के बारह सदस्यों ने भाग लिया। बैठक के बाद डा0 बुधराम तथा बीबी बलजिंदर कौर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पार्टी ने अपने वादे मुताबिक पंजाब की तेरह लोकसभा सीटों में से पांच पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
उन्होंने कहा कि संगरूर सीट से भगवंत मान ,होशियारपुर सीट पर डा0 रवजोत सिंह ,फरीदकोट से प्रो0 साधु सिंह ,आनंदपुर साहिब से नरिंदर शेरगिल और अमृतसर सीट पर कुलदीप सिंह धालीवाल को उम्मीदवार बनाया है ।शेष आठ सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान नवंबर में कर दिया जायेगा ।उन्होंने कहा कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव पार्टी के दिल्ली माडल पर लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई फूट नहीं है तथा रूठों को मनाने की कवायद चल रही है ।पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा सभी दलों से पहले कर दी ,इसका लाभ भी मिलेगा और लोगों से संपर्क बनाने काे समय मिल सकेगा ।आप पार्टी के खिलाफ सभी तरफ से दुष्प्रचार किया गया।
श्रीमती बलजिंदर काैर ने अमरिंदर सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि कांग्रेस जो वादे करके सत्ता में आयी उनमें से एक भी वादा सरकार ने पूरा नहीं किया ।किसानों से झूठे वादे किये। किसानों से उनके सारे कर्जे माफ करने को लेकर फार्म तक भरवाये लेकिन हालात जस के तस हैं। किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बेअदबी के मामले में दोषियों को सजा दिलाने की बात कही थी लेकिन अब तक न तो पीड़ितों को न्याय मिला और न ही गोलीकांड के लिये जिम्मेदारों पर मामले दर्ज हुये। जस्टिस रंजीत सिंह नारंग आयोग की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पहले इसकी जांच सीबीआई को देने की बात की गई और अब लोगों के दवाब में इसे वापस लेते हुये एसआईटी गठित की गई ।पीड़ित इंसाफ के इंतजार में हैं।
दूसरी ओर पार्टी के नाराज गुट की अगुवाई कर रहे वरिष्ठ नेता सुखपाल खेहरा ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि एक तरफ तो पार्टी का दूसरा धड़ा एकता की बात कर रहा है फिर बंद कमरे में ऐसे फैसले लेने की बात समझ से परे है। लोकसभा उम्मीदवारों की एकतरफा घोषणा करके बातचीत के दरवाजे बंद करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होेंने कहा कि लोकसभा चुनाव को छह माह पड़े हैं फिर उम्मीदवारों के ऐलान में जल्दबाजी क्यों ।उन्होंने पार्टी में चल रहे संकट को दूर करने के लियेे समय सीमा आठ नवंबर तक बढ़ा दी है। उन्होंने आगाह किया कि जिस तरीके से पार्टी की गतिविधियां चलाई जा रही हैं उनसे लगता है कि उम्मीदवारों को अपनी जमानतें बचाना मुश्किल होगा।