जयपुर। आम आदमी पार्टी राजस्थान में लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। आप के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल जाट ने गुरुवार को बताया कि पार्टी ने विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए फिलहाल राज्य में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि देश के हालात गंभीर हैं। देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को सत्ता से हटाने के लिए आम आदमी पार्टी राजस्थान में विपक्षी दलों के मजबूत प्रत्याशियों का समर्थन करेगी।
जाट ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार की नीतियों से बेरोजगारों की संख्या बढ़ गई है। किसान, छोटे व्यापारियों की आय घट गई है। देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है। मोदी सरकार ने किसानों की आय दुुगुनी करने का वादा किया था, लेकिन खेती से सम्बन्धित वस्तुओं की कीमत बढ़ने से किसानों की आय और घटी है।
फसल बीमा का लाभ किसानों की बजाये बीमा कम्पनयों को ही हुआ है। पिछले पांच वर्ष में देश के हर नागरिक पर 25 हजार 251 रुपये का कर्ज हो गया, जबकि विश्व बैंक का कर्जा भी 49 प्रतिशत बढ़ गया।
जाट ने कहा कि बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं की बजाये भाजपा पुलवामा और सैन्य कार्रवाई जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है। वर्ष 1977 में कांग्रस ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 की विजय को मुद्दा नहीं बनाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों की मदद के नाम पर मोदी सरकार उन्हें भिखमंगा बना रही है। यह किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं है। उन्होंने मोदी सरकार को देशहित में दुबारा नहीं चुनने जनता को आह्वान करते हुए कहा कि जनता के पास मोदी सरकार को सबक सिखाने का मौका है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में एक हजार कार्यकर्ता पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली, चंडीगढ़, गोवा, पंजाब, और हरियाणा जाएंगे। उधर, आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव देवेंद्र शास्त्री ने बताया कि आप के कार्यकर्ता राजस्थान में कांग्रेस प्रत्याशियों का समर्थन करेंगे।
हालांकि दिल्ली, हरियाणा में कांग्रेस से गठबंधन पर बातचीत चल रही है, लिहाजा इसके बाद पार्टी निर्णय करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के 142 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे। लोकसभा के बाद उनकी पार्टी पंचायत और नगर निकाय चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारेगी।