नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग द्वारा शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को लाभ का पद धारण करने का दोषी करार दिए जाने के बाद पार्टी ने आरोप लगाया कि इन विधायकों को अयोग्य करार देने की सिफारिश के पीछे राजनीतिक साजिश है।
आप के प्रमुख प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से कहा कि लाभ का पद धारण करने के आरोप का सामना करने वाले विधायकों के तर्क सुने बगैर निर्वाचन आयोग द्वारा यह सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त अचल कुमार जोति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कर्ज चुका रहे हैं।
जोति 1975 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं, जो नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान गुजरात के प्रमुख सचिव थे।
भारद्वाज ने कहा कि इम मामले में सुनवाई लाभ का पद धारण करने को लेकर नहीं, बल्कि इस आरोप पर की गई है कि आप विधायक असंवैधानिक रूप से संसदीय सचिव के तौर पर दिल्ली सरकार के विभिन्न मंत्रियों की सहायता के लिए नियुक्त किए गए।
उन्होंने कहा कि किसी ने ऐसे ही हमारे विधायकों के खिलाफ शिकायत कर दी कि वे लाभ का पद धारण किए हुए हैं। विधायकों को आयोग के समक्ष अपने मामले को पेश करने का एक अवसर तक नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि यदि लाभ का पद धारण करने के संबंध में मामला होता तो विधायकों को जरूर फायदा हुआ होता। वे आम लोगों से उनके निर्वाचन क्षेत्र के विधायकों के बारे में क्यों नहीं पूछते कि क्या इन विधायकों के पास कोई बंगला है या कोई सरकारी वाहन है।