सुलतानपुर। सांसद-विधायक (एमपी/एमएलए) विशेष अदालत ने बुधवार को आम आदमी पार्टी नेता एवं राज्य सभा सांसद संजय सिंह, समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अनूप संडा समेत चार अन्य नेताओं को तीन महीने की सजा और 1500-1500 रुपए का जुर्माना लगाया।
एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने 21 साल पहले 2001 में बिजली कटौती को लेकर आंदोलन के दौरान मुख्य मार्ग को जाम कर विभागीय अधिकारियों से अभद्रता करने के मामले में यह सजा सुनायी है।
अभियोजन पक्ष ने बुधवार को यहां बताया कि सुलतानपुर दीवानी न्यायालय के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, विशेष एमपी/एमएलए अदालत के न्यायाधीश योगेश कुमार यादव ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्यसभा सांसद संजय सिंह, समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक एवं उत्तर प्रदेश प्रवक्ता अनूप सूंडा, भाजपा नेता सुभाष चौधरी, नामित सभासद विजय कुमार, कांग्रेस नेता कमल श्रीवास्तव संतोष कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा-143 के तहत दोषी करार दिया।
राज्यसभा सांसद संजय सिंह को तीन माह की सजा और 1000 का जुर्माना लगाया गया है, वहीं दूसरे मामले में एक माह की सजा और 500 रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर 10 दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। सजा की सुनवाई के दौरान राज्यसभा सांसद भी मौजूद रहे।
न्यायालय में मौजूद राज्यसभा सांसद ने भाजपा सरकार की अव्यवस्था को आंदोलन के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि वे इस सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। उन्होंने बताया कि 2001 में भाजपा की सरकार थी। उस समय 36 घंटे बिजली पानी नहीं होने पर हम लोगों ने प्रदर्शन किया था और 36 घंटे ब्लैक आउट के बाद लोकतांत्रिक ढंग से हमने बिना किसी व्यवस्था को क्षति पहुंचाए आंदोलन किया था।
इस मामले में 21 साल बाद सजा सुनाई जा रही है। जिसमें मेरे साथ पूर्व विधायक अनूप संडा, भाजपा के नगर अध्यक्ष रहे सुभाष चौधरी और सभासद विजय सेक्रेटरी, कांग्रेस नेता और पूर्व सभासद कमल, पूर्व नगर प्रवक्ता संतोष चौधरी भी शामिल है। मुद्दों को लेकर हमारी लड़ाई जारी रहेगी। इस सजा के खिलाफ हम उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।