बठिंडा। पंजाब आम आदमी पार्टी के बागी गुट ने गुरुवार को तीसरा फ्रंट बनाने और किसी अन्य दल में शामिल नहीं होने का ऐलान कर किया।
कन्वेंशन को लेकर आलाकमान के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुये आम आदमी पार्टी के सात विधायकों ने विशाल वालंटीयर्स कन्वेंशन में शिरकत की और पार्टी को स्वायत्ता प्रदान करने तथा पंजाब के फैसले अपने स्तर पर लेने का पुरजोर समर्थन किया ।
अलोकतांत्रिक ढंग से प्रतिपक्ष के नेता पद से हटाए गए सुखपाल खेहरा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम अकाली दल या कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में तीसरे फ्रंट की सरकार बनेगी क्योंकि लोग दोनों बड़ी पार्टियों का शासन देख चुके हैं तथा तीसरे फ्रंट को आगे लाना चाहते हैं।
उन्होंने पार्टी आलाकमान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आप के केन्द्रीय नेतृत्व ने पंजाब के नेताओं को हमेशा ही जलील किया। पहले सांसद डा धर्मवीर गांधी, उसके बाद सुच्चा सिंह छोटेपुर, गुरप्रीत घुग्गी और अब मुझे अपमानित किया। अब समय आ गया है जब पार्टी अपने फैसले खुद करेगी तथा उन फैसलों से आलाकमान को अवगत करा दिया जाएगा।
कन्वेंशन की सफलता से गदगद खेहरा ने कहा कि लोगों ने हमेशा उनका उत्साह बढ़ाया है तथा वह भी पंजाब के लोगों के हितों की रक्षा में पीछे नहीं हटेंगे। अब पानी सिर से गुजर गया है तथा ओहदों की बात पीछे छूट गई है। पंजाब की आन मान शान की लड़ाई की खातिर वो कितने ही ऐसे ओहदे कुर्बान करने को तैयार हैं। ये वही पार्टी है जो विधानसभा चुनाव से पहले सौ सीटें लेने जा रही थी लेकिन दिल्ली के दो सूबेदार दुर्गेश पाठक तथा संजय सिंह ने पार्टी को इतना नुकसान पहुंचाया कि पार्टी बीस सीटों पर सिमट गई।
खेहरा ने अाप के केन्द्रीय नेतृत्व पर प्रतिपक्ष के नेता पद की मान मर्यादा को तार तार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोई फैसला सिस्टम के अनुसार फैसला किया जाना चाहिए, ट्वीट करके नहीं।
कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए आप के बागी नेता ने कहा कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद केवल पगों तथा झंडों के रंग ही बदले हैं। जो अकाली सरकार में हो रहा था वही अब कांग्रेस सरकार में हो रहा है। राज्य की जनता अब इन दोनों पार्टियों से पीछा छुड़ाना चाहती हैं इसीलिए आज इतनी बड़ी संख्या में लोग रैली में आए हैं।
नशे की समस्या से जूझ रहे पंजाब के बारे में उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनावों से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य से नशा खत्म करने का लोगों से वादा किया था लेकिन अब तक हालात वैसे ही हैं। बेअदबी मामले के बाद हुए बरगाड़ी गोली कांड की जांच बादलों से मिलीभगत के कारण सीबीआई को सौंप दी क्योंकि इसमें कुछ सियासी, पुलिस अधिकारी, डेरे वालों के शामिल होने की आंशका है। यह सरकार दोहरे मापदंड अपना रही है।
पानी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पंजाब का पानी हरियाणा तथा राजस्थान को जा रहा है।मुख्यमंत्री ने विधानसभा में एक प्रस्ताव पास करके पानी रायल्टी मांगने की बात कही थी लेकिन अब इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। करीब 16 लाख करोड़ पानी की रायल्टी बनती है।
उन्होंने उपस्थित जनसमूह से वादा किया कि 2022 के चुनाव मेें तीसरे फ्रंट की सरकार बनती है तो पानी की रायल्टी की वसूली करेगी।
सम्मेलन में छह प्रस्ताव पारित किए गए जिनमें पार्टी की स्वायत्तता तथा अपने फैसले खुद लेने, पार्टी की प्रदेश इकाई को भंग कर नई गठित करने और उसके लिये सात विधायकों को अधिकृत करने, 12 अगस्त से प्रदेश भर में जिला स्तर पर बैठकें करने, प्रवासी भारतीयों की ओर से उन्हें मिले समर्थन के लिए आभार और आलाकमान से चंडीगढ़ में एक सप्ताह में बैठक बुलाने तथा खेहरा को प्रतिपक्ष के पद से हटाए जाने की निंदा की गई। इसके अलावा खेहरा की प्रतिपक्ष के नेता के रूप में भूमिका की सराहना की गई।