नयी दिल्ली । आम आदमी पार्टी(आप) को बुधवार को एक बार फिर तगड़ा झटका लगा जब उसके संस्थापक सदस्यों में शामिल आशीष खेतान ने निजी कारणों का हवाला देते हुए सक्रिय राजनीति छोड़ने की घोषणा की।
पूर्व पत्रकार खेतान ने सक्रिय राजनीति छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा “ मैं पूरी तरह से अपने कानूनी पेशे पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं और इस समय सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं हूं।”
आप पार्टी की दिल्ली में सरकार बनने पर श्री खेतान को दिल्ली डायलाग कमीशन (डीडीसी) का उपाध्यक्ष बनाया गया था। उन्हाेंने कहा है “ कानूनी पेशे में सक्रिय होने के लिए मैंने अप्रैल में ही डीडीसी से इस्तीफा दे दिया था। बस इतना ही है और किसी प्रकार की अफवाहों में कोई दिलचस्पी नहीं है।”
खेतान 2014 के आम चुनाव में नयी दिल्ली से चुनाव लड़े थे और हार गए थे। मीडिया में ऐसी रिपोर्टे हैं कि श्री खेतान अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में एक बार फिर खड़ा होने चाहते हैं जबकि पार्टी उन्हें किसी और सीट से लड़वाने के मूड में थी। आप के एक प्रमुख नेता पत्रकार से राजनीति में उतरे आशुतोष ने भी कुछ दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
पत्रकार से राजनीतिज्ञ बने और आप पार्टी में शामिल होने वाले आशुतोष ने भी 15 अगस्त को निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। श्री आशुतोष ने भी 2014 के आम चुनाव में चांदनी चौक संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था। आशुतोष के इस्तीफे के पीछे मीडिया में जो खबरें आई उनमें कहा गया था कि राज्यसभा सांसद नहीं बनाये जाने से वह नाराज थे।
इस बीच आप पार्टी से नाराज चल रहे कुमार विश्वास ने खेतान के सक्रिय राजनीति से अलग होने पर इशारों.इशारों में श्री केजरीवाल पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा है ,
“ सब साथ चले. सब उत्सुक थे. तुमको आसन तक लाने में
कुछ सफल हुए ‘निर्वीर्य’तुम्हें यह राजनीति समझाने में
इन आत्मप्रवंचित बौनों का दरबार बनाकर क्या पाया
जो शिलालेख बनता उसको अखबार बनाकर क्या पाया ।”
( एक और आत्मसमर्पित कुर्बानी)