नई दिल्ली। पिछले चार दिन से अपनी मांगों को लेकर राजनिवास में धरने पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ राजनीतिक द्वंद के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है।
दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर फरवरी माह हुई कथित हाथापाई के बाद दिल्ली में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की ‘हड़ताल’ को लेकर केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के तीन सहयोगी सोमवार शाम से राजनिवास के प्रतीक्षालय में धरने पर हैं। उपमुख्मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार से राजनिवास में ही अनिश्चितकालीन अनशन भी शुरु किया है।
केजरीवाल ने दिल्ली में नौकरशाही की ‘हड़ताल’ को खत्म कराने के लिए मोदी को चिट्ठी लिखकर हस्तक्षेप की अपील की है। मुख्यमंत्री ने चिट्ठी में मोदी से आग्रह किया है कि दिल्ली सरकार के अधीन कार्यरत आईएएस अधिकारियों पर सीधे तौर पर केंद्र सरकार और उपराज्यपाल का नियंत्रण है इसलिय वह नौकरशाही की हड़ताल को खत्म कराने के लिए हस्तक्षेप करें।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में केजरीवाल ने पिछले तीन माह से दिल्ली के नौकरशाहों की हड़ताल का जिक्र करते हुए कहा है कि आईएएस अधिकारियों ने मंत्रियों की सभी बैठकों में भाग लेना बंद कर दिया है। अधिकारियों की हड़ताल के कारण दिल्ली के कई काम प्रभावित हो रहे हैं।
दिल्ली के आईएएस अधिकारी सीधे उपराज्यपाल और केंद्र सरकार के अधीन आते हैं। अधिकारियों के तबादले और निलंबन से लेकर सब कुछ केंद्र सरकार और उपराज्यपाल के हाथ में है और दिल्ली सरकार इस मामले में कुछ नहीं कर सकती। अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं होने की वजह से दिल्ली सरकार हड़ताल खत्म कराने के लिए कुछ भी नहीं कर पा रही है।
उन्होंने लिखा है कि देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब नौकरशाही हड़ताल पर है और वह भी तीन महीने से अधिक समय से। ऐसा क्या हो गया की नौकरशाही इतनी लंबी हड़ताल पर है।
उन्होंने लिखा कि यदि ये नौकरशाह दिल्ली सरकार के अधीन होते तो हड़ताल 24 घंटे के भीतर ही खत्म हो जाती। उपराज्यपाल से बार बार अनुरोध के बावजूद हड़ताल खत्म नहीं कराई जा रही है। अब तो दिल्ली की जनता ने यह कहना शुरु कर दिया है कि हड़ताल केंद्र और उपराज्यपाल की मिलीभगत से करवाई जा रही है।
चिट्ठी में नौकरशाहों की हड़ताल के कारण बारिश से पहले नालों की सफाई का काम नहीं होने , डेंगू और चिकनगुनिया के मौसम से पहले तैयारी मीटिंग नहीं होने, गर्मी अवकाश में स्कूलों में रंगाई पुताई का काम शुरु नहीं होने, मोहल्ला और पाॅली क्लीनिक बनने का काम बिल्कुल बंद होने, वजीराबाद पर बन रहे सिग्नेचर ब्रिज की आखिरी किश्त का भुगतान नहीं होने, अनधिकृत कालोनियों में विकास के काम ठप्प होने, दिल्ली में प्रदूषण की समस्या की पखवाड़े में होने वाली बैठक नहीं होने जैसे कठिनाईयों का जिक्र किया गया है।
केजरीवाल ने लिखा है कि उपराज्यपाल हड़ताल खत्म नहीं करवा रहे हैं और दिल्ली की जनता के विकास और अन्य कार्य ठप्प पड़े हैं। दिल्ली सरकार और दिल्ली की जनता प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर निवेदन करती है कि नौकरशाहों की हड़ताल को तुरंत खत्म करवाया जाए जिससे दिल्ली की जनता को राहत मिल सके।