( इस बार मानसून ने पूरे देश को भिगोया भी और रुलाया भी साथ ही अपना 25 साल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया )
इस बार देश भर में मानसून को लेकर सभी भविष्यवाणी गलत साबित हुई । मौसम विभाग के वैज्ञानिक भी मानसून की चाल और समय सीमा तय करने में पूरी तरह विफल रहे । अक्टूबर का प्रथम सप्ताह चल रहा है । सामान्यता इस माह में मानसून और बारिश को लेकर बातें नहीं होती हैं । लेकिन अभी मानसून सक्रिय है, लोग डरे और सहमे हुए हैं । रविवार को आखिरकार मानसून को लेकर एक अच्छी खबर यह आई कि अब यह एक हफ्ते के अंदर विदा हो जाएगा । इस बार के मानसून ने पिछले 25 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया ।
इस बार बारिश ने पूर्वानुमान से ज्यादा देश को भिगो दिया है । बिहार और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भारी बारिश अभी भी जारी है । बिहार का आधा हिस्सा अभी भी बाढ़ के पानी में डूबा है । इस समय देश भर में त्योहारों का सीजन होने की वजह से बाजार सजे हुए हैं । ऐसे में दुकानदार और व्यापारी भी मानसून को लेकर चिंतित थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि अब मानसून जल्द ही विदा होने वाला है तो उनके चेहरों पर रौनक लौट आई है ।
मौसम विभाग अनुमान लगाने में रहा विफल, औसत से ज्यादा हुई बारिश
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यह अनुमान लगाने में विफल रहा कि अगस्त और सितंबर की बारिश महीने की औसत बारिश का 130 फीसद होगी । आइएमडी ने एक अगस्त को कहा कि मानसून की बारिश 100 फीसद होगी । लेकिन अनुमान की तुलना में बारिश कहीं ज्यादा हुई । जाने-माने मौसम वैज्ञानिकों ने मानसूनी वर्षा की मात्रा का सही अनुमान लगाने के लिए भारतीय मौसम विभाग के गतिशील मानसून मॉडल की अक्षमता पर आश्यर्य व्यक्त किया । उनका मानना है कि मौसम विभाग दो मौसमी हालातों के आकलन करने में विफल रहा ।
इस बार देश भर में सामान्य से अधिक बारिश राजस्थान में हुई
इस बार पूरे देश में सामान्य से अधिक बारिश राजस्थान में दर्ज की गई । राज्य के कोटा, झालावाड़, प्रतापगढ़, पाली शहर में तो बाढ़ के हालात बन गए और भारी तबाही मचाई । मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से 30 सितंबर तक प्रदेश में औसत से अधिक 46 फीसदी ज्यादा बारिश हुई । राजधानी जयपुर में भी 780 मिमी बारिश रिकार्ड की गई । जल संसाधन विभाग की मानें तो इस बार प्रदेश में 810 में से 418 बांध ओवरफ्लो हो गए हैं ।
शंभूनाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार