आबूरोड (सिरोही)। आबूरोड तहसील में उपलागढ़ से जायदरा 10 किलोमीटर तक पक्की सड़क बनी नहीं लेकिन बिना पूर्व सूचना के आनन-फानन में देलदर-निचला गढ़ सड़क मार्ग पर अचानक संकेतक लगाकर 13 नवंबर को बत्तीसा-नाला डूब क्षेत्र की सड़क को दो-तीन घंटे बंद कर दिया गया, जिसे विरोध के बाद पुन: खोला।
13 जनवरी की शाम को एक जीप पर माइक के जरिए भौपू प्रसार कर 15 नवंबर सोमवार को सुबह 8 बजे से पूर्णतया बंद का प्रचार किया जा रहा था। इस बीच बत्तीसा नाला बांध निर्माण के चलते देलदर निचला गढ़ सड़क मार्ग को बिना पूर्व चेतावनी के 13 नवंबर को ही बंद कर देने के खिलाफ लोग विरोध हुआ हुआ तो बंद को एक दिन तक और आगे बढ़ाया गया।
अब 15 नवंबर को सुबह 8 बजे सडक मार्ग पूर्णतया प्रतिबंधित किया जाएगा। लेकिन बड़ी समस्या कि वैकल्पिक मार्ग की उपलागढ़ से निचलागढ़ और निचला गढ़ से जायदरा तक कुल 10 किलोमीटर की सड़क पक्की बनी ही नहीं है।
अचानक 12 नवंबर रात्रि को बिना पूर्व चेतावनी के प्रमुख देलदर -निचलागढ़ क्यारी मार्ग पर चौराहों पर संकेतक लगाकर रास्ता बंद करने के बोर्ड लगा दिए। 13 नवंबर सुबह 9 बजे अवरोधक लगाकर मार्ग बंद कर दिया। दोनों तरफ से दुपहिया वाहन एवं दोपहिया वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। करीब 3 घंटे तक मार्ग बंद रहा।
वाहन चालकों एवं ग्रामीणों के विरोध के बाद 3 बजे बाद सडक मार्ग को खोला गया तब कहीं जाकर यातायात शुरू हुआ तथा एक जीप पर भौपू प्रसार के माध्यम से प्रचार कर 15 नवंबर को सुबह 8 बजे से पूर्णतया बंद की चेतावनी का प्रचार किया जा रहा है।
नए वैकल्पिक मार्ग का आधा मार्ग निर्माण अधूरा होने से पहले ही दिन कई दुपहिया वाहन चालक गिरकर हादसे का शिकार हुए। वैकल्पिक मार्ग के सफर में उपलागढ़ से निचलागढ़ एवं निचलागढ़ से जायदरा सड़क मार्ग का निर्माण अधूरा है। करीब 10 किलोमीटर के मार्ग पर जगह जगह कंक्रीट पत्थर एवं मिट्टी के बीच दुपहिया वाहनचालक पहले दिन ही ढेर होने लगे।
दीगर बात यह है कि इस सडक का निर्माण कार्य फिलहाल बंद है। इस खस्ताहाल कच्ची सड़क के बीच गुजरना किसी जोखिम से कम नहीं है। सड़क मार्ग का डामरीकरण किए बिना देलदर निचलागढ़ सड़क मार्ग अचानक बंद किया जाना जायदरा-निचलागढ़ उपलागढ़ की खस्ताहाल सड़क पर जोखिम भरा सफर साबित होगा।