आबूरोड(सिरोही)। सिरोही जिले की आबूरोड तहसील में क्यारिया ग्राम पंचायत के दूनाकाकर गांव की पीसरा फली में बुधवार सुबह एक आदिवासी परिवार का आवासीय बसेरा आग की लपटों का शिकार होकर कालिख में बदला।
चिंगारी की लपटों को देख एक मासूम के चिल्लाने पर बड़े मासूम बच्चे ने अन्य मासूमों को आग की लपों के बीच में जोखिम उठाकर तत्परता से निकाल लिया। सुबह आशाराम पुत्र मावाजी गरासिया अपनी पत्नी के साथ दूरी पर खेत पर काम कर रहा था।
इस दौरान आवासीय बसेरे के झोपड़े में उनके बच्चे अलाव ताप रहे थे। उड़ी चिंगारी से लकड़ियों से निर्मित घास फूस से निर्मित बसेरे में आग पकड़ ली। देखते ही देखते आग की लपटों के साथ धुआं उठने लगा, हवा के साथ उठती लपटें आशियाने से बाहर की तरफ झोके ले रही थी।
दरमियान एक मासूम पर लपटों के ताप की संवेदना पर वह चिल्लाया, पास में दो अन्य और मासूम थे पास में बड़े मासूम ने दोनों को खींच कर बाहर निकाल दिए। कुछ ही पलों में जंगल मे आग की तरह झोपड़े का बसेरा खाक हो गया। जिसमें 30000 से अधिक नकद रुपए, 5 बोरी गेहूं मक्का व अन्य जरूरी प्रमाण पत्र जेवरात, बिस्तर खाद्य सामग्री जलकर कोयले में तब्दील हो गई।
सरपंच लीलाबेन ने की आर्थिक सहायता
ग्रामीणों द्वारा सूचना दिए जाने पर सरपंच लीला बेन दूना काकर गांव में पीसरा फली के गरीब परिवार के खाक आशियाने पहुंची, जहां आगजनी के प्रभावित परिवार को सर्दी में बचाव के लिए कंबल खाद्य सामग्री व नकद मदद प्रदान की।
सरपंच ने बताया कि प्रभावित परिवार की अत्यंत गरीबी को देखते हुए भामाशाह से संपर्क स्थापित किया जा रहा है तथा ग्राम पंचायत व सरकार स्तर पर भी यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं।