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Abu road traffic police or jamming machinery at traffic picket! - Sabguru News
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आबूरोड ट्राफिक पुलिस या ट्रैफिक पिकेट पर जाम लगाने वाली मशीनरी!

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आबूरोड ट्राफिक पुलिस या ट्रैफिक पिकेट पर जाम लगाने वाली मशीनरी!
आबूरोड में लूनियपुरा पुलिया से बस स्टैंड के बीच में लगा जाम।
आबूरोड में लूनियपुरा पुलिया से बस स्टैंड के बीच में लगा जाम।

परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-आबूरोड। गुजरात से राजस्थान का एंट्री पॉइंट। राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल का बेस सिटी। इस एंट्री सिटी में 5 पिकेट पर खड़ी ट्रैफिक पुलिस और इन मूर्तिवत ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी में इन पिकेट्स पर लगता जबरदस्त जाम।

आबूरोड ट्रैफिक पुलिस ने ये आबूरोड की नियति बना दी है। तो इस बदहाली पर मुस्कुराइये या मन ही मन पुलिस विभाग को कोसिये, क्योंकि आप सिरोही पुलिस के द्वारा अव्यवस्थित किये जा चुके शहर आबूरोड में पहुंच चुके हैं।
-हालात विकट
ट्रैफिक जाम को लेकर आबूरोड के जो हालात हैं वो सिरोही पोलिसिंग की फेलियर का सबसे बड़ा नमूना है।
ये जाम अगर अस्थाई या यदा कदा का हो तो माना जा सकता है कि हो जाता है। लेकिन, ये पिरियोडिकली हर बीस मिनट से आधे घण्टे में लगता है। और नियत जगह पर ही लगता है। इन स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस भी रहती है। लेकिन, उनका जाम खुलवाने में कोई ज्यादा रुचि नहीं दिखती।

अम्बाजी चौराहा, स्टेशन मोड़, बस स्टैंड से दरबार स्कूल, लूनियपुरा पुलिया और मानपुर ये व्व स्थाई जाम स्थल हैं जो पुलिस की अनदेखी के कारण लगता है। हाथ में चालान बुक थामे तीन ट्रैफिक पुलिस वाले यहां आपको हमेशा खड़े मिल जाएंगे। लेकिन, मजाल क्या कि जाम लगने की स्थायी वजह को खत्म कर पाए।
-ये मुख्य वजह
इन जगहों पर जाम लगाने वालों में सबसे पहले हैं खुद ट्रैफिक पुलिस वाले। चालान बुक हाथ में लेकर ये लोग गुजरात से आने वाली छोटी गाड़ियों पर यहीं पर टूट पड़ते हैं। इससे गाड़ी बीच में खड़ी करनी पड़ती है। जिससे ये संकड़ा रास्ता और संकड़ा हो जाता है। चाहे तो पुलिस वाले ये जांच लूनियपुरा से मानपुर पुल के बीच के चौड़े रास्ते पर कर सकते हैं।

दूसरी वजह है इन जगहों पर बेतरतीबी से खड़े होने वालेखड़े होने ऑटो और टैक्सी वाले। पांचों जगहों पर दो तीन कतारें लगाकर खड़े हो जाते हैं। ये स्थाई समस्या बन गई है जो ट्रैफिक पुलिस की आंखों के सामने होता है। तीसरी वजह है सड़क पर अतिक्रमण करके खड़े हो जाने वाले वेंडर्स। किनारे से 10-15 फीट तक सड़क पर आकर खड़े हो जाते हैं। खासकर बस स्टैंड से दरबार स्कूल तक। चौथा रोडवेज और निजी बसें।जो इस सिंगल मार्ग को और सिकोड़ देती हैं।
– वैकल्पिक रास्ते की सख्त जरूरत
गुजरात से माउंट आबू जाने वाले लोगों के लिए एकमात्र छोटा रास्ता है आबूरोड सिटी होकर निकलना। ये भी इतना संकड़ा है कि अतिक्रमण और अवैध वाहन स्टैंड्स के बाद यहां से एकतरफा यातायात व्यवस्था से भी वाहन निकालना मुश्किल है। ऐसे में माउंट आबू जाने के लिये सांतपुर से ही एक नए वैकल्पिक मार्ग की जरूरत है जो गुजरात से आने वाले वाहनों को सीधे मानपुर और तलहटी पहुंचा देवे।

यूआईटी ने दो महीने पहले इस तरह के बायपास की डिजाइन और प्लान बनाया है। इस पर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक राज्य सरकार से मजबूत पैरवी करें तो इस जाम की समस्या से स्थाई मुक्ति मिल सकती है। दूसरा विकल्प है बस स्टैंड को तरतौली या मानपुर जैसी खुली जगह पर शिफ्ट किया जाए।