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Abusing words for workers are part of political culture in sirohi also - Sabguru News
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इस तरह सांगठनिक संस्कारों के अंतिम संस्कार पर उतारु राजनीतिक पदाधिकारी

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इस तरह सांगठनिक संस्कारों के अंतिम संस्कार पर उतारु राजनीतिक पदाधिकारी
Politicians
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सिरोही। राजनीति में मक्खनबाजी, राजनीतिक महत्वाकांक्षा और गुड बुक में आने की मंशा का महत्व नकारा नहीं जा सकता। जितना बड़ा मक्खनबाज,  उतनी सफलता की गारंटी। लेकिन, मक्खनबाजी के चक्कर में अपने ही साथी पदाधिकारी को ‘औकात में रहने की’ नसीहत देना किसी भी संस्कार वाली पार्टी में संस्कारों के अंतिम संस्कारों से कम नहीं है।

बात सरकारी नुमाइंदों के लिए बने विश्राम गृह की है। एक बड़े नेताजी आने वाले थे तो पार्टी के लोगों को स्वागत सत्कार के लिए एकत्रित होना स्वाभाविक है। तो एकत्रितकरण हुआ। इस दौरान जिला स्तरीय पदाधिकारी और मंडल स्तरीय पदाधिकारी में बहस हो गई। तो जिला स्तरीय पदाधिकारी मंडल स्तरीय अधिकारी को ‘औकात में रहने की’ नसीहत दे डाली।

इतना बोलते ही स्थिति फिर से बिगड़ी। ये बात अलग है कि संगठन के अन्य नेताओं ने बात को संभाला, लेकिन ये वाकई खेदजनक है कि दुनिया को संस्कार के उलाहने देने वाले राजनीतिक संगठन के पदाधिकारी इस तरह से भाषाई गरिमा को तार-तार करने को उतारू हैं। तो क्या अब सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर उच्च नेता अपने से कम पदाधिकारियों को उनकी औकात दिखाएंगे? राजनीतिक पार्टियों में सेवा, समर्पण और कार्यशैली की बजाय कार्यकर्ता की औकात का मापदण्ड बदल चुका है।